🌸विवाह पंचमी - Vivah Panchami

Vivah Panchami Date: Friday, 6 December 2024

विवाह पंचमी भगवान श्री राम और माता सीता की शादी की सालगिरह के रूप में मनाए जाने वाले एक लोकप्रिय हिंदू त्यौहार है। हिंदू पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी मार्गशीर्ष के महीने के दौरान शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है।

किसी भी हिंदू शादी के समान, विवाह पंचमी त्योहार कई दिनों पहले शुरू हो जाया करता है। सभी भक्त पूर्ण अनुग्रह, भक्ति और समर्पण के साथ इस अनुष्ठान का आनंद लेते हैं। विवाह पंचमी उत्सव के दिन भक्त विवाह के मंगल गीत तथा श्री राम भजन का गायन घर एवं मंदिरों में सामूहिक रूप से करते हैं।

विवाह पंचमी के ही दिन वृंदावन के निधिवन में श्री बांके बिहारी जी महाराज का प्राकट्य उत्सव, बिहार पंचमी भी मनाया जाता है।

संबंधित अन्य नामराम विवाह उत्सव, राम सीता विवाह
शुरुआत तिथिमार्गशीर्ष शुक्ला पञ्चमी
कारणभगवान श्री राम एवं माता सीता का विवाह उत्सव।
उत्सव विधिश्री राम मंदिर में भजन कीर्तन, विवाह समरोह, प्रार्थना।
Read in English - Vivah Panchami
Vivah Panchami is a popular Hindu festival celebrated as the weddings anniversary of Bhagwan Shri Ram and Mata Sita.

विवाह पंचमी कैसे मनाई जाती है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था। इसलिए विवाह पंचमी को भगवान राम और माता सीता की विवाह वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है कि यह वही शुभ दिन है जब तुलसीदास जी ने रामचरितमानस को पूरा किया था।

❀ विवाह पंचमी के दिन श्री राम और माता सीता का विवाह अनुष्ठान करें।
❀ माता सीता और राम जी की तस्वीर स्थापित करें और उन्हें माला पहनाएं।
❀ अगर कुंवारी कन्याएं ॐ जानकी वल्लभाय नमः मंत्र का जाप 108 बार करें तो उन्हें राम जी जैसा सुयोग्य वर मिलता है।
❀ इस दिन माता जानकी और राम जी की विवाह कथा सुनने का भी विधान है।
❀ इस अवसर पर मंदिरों में भव्य आयोजन किये जाते हैं। लोग घर पर भी पूजा का आयोजन करते हैं।

विवाह पंचमी के दिन विवाह नहीं किया जाता है

हिन्दू धर्म मैं भगवान राम और माता सीता की जोड़ी आदर्श जोड़ी मानी जाती है। भारतीय समाज में विवाहित महिलाओं को राम-सीता की तरह ही आशीर्वाद दिया जाता है। भगवान राम और माता सीता की कड़ी मेहनत की कहानी आज भी हर किसी को सुनाई जाती है। लेकिन फिर भी इनकी लग्न तिथि पर विवाह करना अशुभ माना जाता है। दरअसल, इसके पीछे का कारण यह है कि विवाह के बाद भगवान राम और माता सीता के जीवन में कई परेशानियां आईं। इन दोनों ने 14 वर्ष वनवास में भी बिताए। इसके अलावा माता सीता को भी अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ा।

धार्मिक ग्रंथो के अनुसार भगवान राम ने सामाजिक मान्यताओं और अपने निष्पक्ष सिद्धांतों के कारण गर्भवती माता सीता का त्याग कर दिया था। जिसके बाद माता सीता ने अपना आगे का जीवन अकेले ही जंगल में बिताया। उन्होंने अकेले ही अपने बच्चों का पालन-पोषण किया। राम और सीता के वैवाहिक जीवन में इतने संघर्षों को देखते हुए ये लोग यह त्यौहार तो मनाते हैं लेकिन इस दिन अपने बच्चों की शादी नहीं करते हैं। ऐसा इसलिए ताकि उनके बच्चों को उतना कष्ट न सहना पड़े जितना भगवान राम और माता सीता को सहना पड़ा।

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
मार्गशीर्ष शुक्ला पञ्चमी
महीना
नवंबर / दिसंबर
मंत्र
ॐ जानकीवल्लभाय नमः !
कारण
भगवान श्री राम एवं माता सीता का विवाह उत्सव।
उत्सव विधि
श्री राम मंदिर में भजन कीर्तन, विवाह समरोह, प्रार्थना।
महत्वपूर्ण जगह
अयोध्या, मिथिलांचल क्षेत्र, श्री राम मंदिर, जनकपुर नेपाल, राम जानकी मंदिर नेपाल।
पिछले त्यौहार
17 December 2023, 28 November 2022, 8 December 2021, 19 December 2020

Updated: Sep 27, 2024 15:56 PM

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