🗡️तारा जयंती - Tara Jayanti

Tara Jayanti Date: Sunday, 6 April 2025

महातारा जयंती भारत में जन मानस के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हिंदू त्यौहार नहीं है, यह त्यौहार मुख्य रूप से साधकों के बीच प्रसिद्ध है। इस तारा जयंती के दिन तंत्र-मंत्र के प्रयोग की विधि के साथ पूजा करके देवी तारा को प्रसन्न किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार माता तारा जी का दस महाविद्याओं में से एक रूप माना गया है।

माँ तारा देवी मानव जीवन के सभी संकटों का नाश करती हैं। देवी तारा की पूजा को अघोरी साधना भी कहा जाता है। तारा देवी की पूजा पूरे विधि-विधान से करने से धन की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति आती है। तारा देवी को तारिणी देवी, नील सरस्वती, एकजाता और उग्र तारा के नाम से भी जाना जाता है। शत्रुओं का नाश करने की इच्छा से देवी के इन रूपों की पूजा की जाती है।

महातारा जयंती कब मनाई जाती है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महातारा जयंती का पर्व मनाया जाता है। 2025 में महातारा जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी।

माता महातारा जी की उत्पत्ति और तारा देवी नाम का कारण
सृष्टि के निर्माण से पहले संसार में कोई भी तत्व मौजूद नहीं था। चारों तरफ अँधेरा था और माँ काली जी मौजूद थीं। जब शक्ति नहीं थी, उस समय ब्रह्मांड में प्रकाश की एक किरण का जन्म हुआ जो महातारा के नाम से जानी जाने लगी। प्रकाश की उत्पत्ति के कारण देवी का नाम तारा देवी पड़ा।

महातरा की पूजा कैसे करें
देवी तारा की पूजा और मंत्रों का जाप करने से वाणी शक्ति, शत्रुओं का नाश और मुक्ति मिलती है। देवी का मंत्र: “स्त्रीं हूं हृंरोग फट” का जाप करने से सभी का कल्याण होता है। इस पंचाक्षरी मंत्र के जाप से भक्त को शांति मिलती है।

महातारा जयंती का महत्व
सनातन धर्म में तारा देवी की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। भारत के गोटेगांव में झोटेश्वर आश्रम स्थित श्रीधाम मां त्रिपुरसुंदरी मंदिर में इस दिन बड़े पैमाने पर इस जयंती का आयोजन किया जाता है। यहां दूर-दूर से माता तारा देवी के भक्त देवी की आराधना के लिए एकत्रित होते हैं।

शुरुआत तिथिचैत्र शुक्ल नवमी
उत्सव विधिव्रत, प्रार्थना, भजन, कीर्तन, हवन, तंत्र-मंत्र।
Read in English - Tara Jayanti
Mahatara Jayanti is not very popular festival among general people in India, this festival is mainly famous among the seekers. On this Jayanti, the Devi is pleased by worshiping Vidhi with the use of Tantra Mantra.

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
चैत्र शुक्ल नवमी
समाप्ति तिथि
चैत्र शुक्ल नवमी
महीना
मार्च / अप्रैल
उत्सव विधि
व्रत, प्रार्थना, भजन, कीर्तन, हवन, तंत्र-मंत्र।
महत्वपूर्ण जगह
महाविद्या मंदिर।
पिछले त्यौहार
17 April 2024, 30 March 2023, 10 April 2022

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Updated: Mar 28, 2025 15:56 PM

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