Sita Navami Date: Monday, 5 May 2025
सीता नवमी मिथिला के राजा जनक और रानी सुनयना की बेटी और अयोध्या की रानी देवी सीता के अवतार दिवस के रूप मे मनाया जाता है, इसे जानकी नवमी भी कहा गया है। माता सीता के पति भगवान राम का अवतरण दिवस एक महीने पहिले चैत्र शुक्ला नवमी या राम नवमी के दिन मनाया जाता है।
देवी सीता का जन्म पुष्य नक्षत्र के दौरान हुआ था। सीता का अर्थ हल चलाना है। विवाहित हिंदू महिलाएं अपने पतियों के लम्बे जीवन तथा सफलता के लिए देवी सीता की पूजा करती हैं।
संबंधित अन्य नाम | सीता जयंती, जानकी नवमी, जानकी जयंती, जानकी जन्मोत्सव |
शुरुआत तिथि | वैशाख शुक्ला नवमी |
कारण | श्री सीता माता का अवतरण। |
उत्सव विधि | उपवास, भजन / कीर्तन, श्रृंगार दर्शन, महा अभिषेकम , राम मंदिर में पूजा, माता सीता से प्रेरित कहानियाँ। |
Sita Navami is avtaran divas of Ayodhya queen Devi Sita, the daughter of Mithila king Janaka and queen Sunayna also known as Janaki Navami.
सीता नवमी पर पूजा करने के लाभ
ज्योतिष शास्त्र में भी सीता नवमी के संदर्भ में कुछ विशेष उपाय बताए गए, जिनका पालन करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है।
सीता नवमी पालन करने से बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होती हैं
सीता नवमी के विशेष अवसर पर जीवन में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए प्रभु श्री राम और माता सीता की विधि-विधान से पूजा करें। साथ ही इस दिन जानकी स्तोत्र और राम स्तुति का पाठ अवश्य करें। हो सके तो सुंदरकांड का पाठ भी करें। ऐसा करने से जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
सीता नवमी पालन करने से मनोकामना पूर्ति होती हैं
ज्योतिष विद्वान बताते हैं कि सीता नवमी के दिन श्री राम मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति का सिंदूर माता सीता के चरणों में चढ़ाने से साधक को विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह उपाय सुबह, दोपहर और शाम तीनों पहर करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही जीवन में आ रही समस्याएं टल जाती है।
सीता नवमी पालन करने से धन समृद्धि की प्राप्ति होती हैं
सीता नवमी के दिन धन एवं समृद्धि की प्राप्ति के लिए घर पर या श्री राम मंदिर में केसरिया झंडा लगाएं। इसके साथ इस दिन प्रभु श्री राम और माता सीता को पीले रंग का वस्त्र अर्पित करें। ऐसा करने से भगवान श्री राम और माता सीता प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं।
सीता नवमी पूजा विधि
❀ स्नान के उपरांत माता सीता और भगवान श्रीराम के समक्ष व्रत का संकल्प करें।
❀ पहले भगवान गणेश और माता अंबिका की पूजा करें।
❀ इसके बाद माता सीता और भगवान श्रीराम की पूजा करें।
❀ माता सीता को पीले सामान अर्पित करें। भोग में भी पीली चीजें अर्पित करें।
❀ विधिपूर्वक पूजा के बाद मां सीता की आरती करें।
❀ दूध और गुड़ से व्यंजन बनाकर प्रसाद चढ़ाएं और वितरित करें।
संबंधित जानकारियाँ
शुरुआत तिथि
वैशाख शुक्ला नवमी
समाप्ति तिथि
वैशाख शुक्ला नवमी
मंत्र
श्री सीतायै नमः, श्री सीता-रामाय नमः
कारण
श्री सीता माता का अवतरण।
उत्सव विधि
उपवास, भजन / कीर्तन, श्रृंगार दर्शन, महा अभिषेकम , राम मंदिर में पूजा, माता सीता से प्रेरित कहानियाँ।
महत्वपूर्ण जगह
उत्तर प्रदेश में अयोध्या, आंध्र प्रदेश में भद्राचलम, बिहार में सीता संहिता स्थल, तमिलनाडु में रामेश्वरम।
पिछले त्यौहार
16 May 2024, 29 April 2023, 10 May 2022, 21 May 2021, 2 May 2020
Updated: Sep 27, 2024 23:08 PM
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