शाकंभरी नवरात्रि जिसे बाणदा एकादशी के नाम से जाना जाता है, देवी दुर्गा के शाकंभरी अवतार को समर्पित एक प्रतिष्ठित उत्सव है, जो पोषण और स्वास्थ्य का प्रतीक है। यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के पौष महीने में मनाया जाता है। इसे पौष गुप्त नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। पौष शुक्ल अष्टमी से पौष पूर्णिमा तक मनाए जाने वाले इस त्योहार में देवी शाकंभरी के सम्मान में उपवास किया जाता है।
शाकंभरी नवरात्रि क्यों मनाई जाती है?
माना जाता है कि दुर्गा सप्तशती के मूर्ति रहस्य में माता शाकंभरी का रंग नीला बताया गया है। माता की आंखें नीले कमल के समान हैं और वह कमल के फूल पर विराजमान रहती हैं। माता की एक मुट्ठी में कमल का फूल है और दूसरी मुट्ठी में तीर बताए गए हैं।
किंवदंती है कि भीषण सूखे और अकाल के दौरान, देवी दुर्गा ने पीड़ा को कम करने के लिए शाकंभरी के रूप में अवतार लिया। उन्होंने जीविका और आराम प्रदान किया, जिससे उन्हें स्वास्थ्य और पोषण से जुड़ी देवी का दर्जा प्राप्त हुआ।
शाकंभरी नवरात्रि 2024 के लिए शुभ मुहूर्त और पूजा का समय इस प्रकार है:
शाकंभरी नवरात्रि 18 जनवरी 2024, गुरुवार से शुरू हो रही है
शाकंभरी नवरात्रि 25 जनवरी 2024, गुरुवार को समाप्त हो रही है
संबंधित अन्य नाम | शाकंभरी नवरात्रि, बंदा एकादशी, पौष गुप्त नवरात्रि |
शुरुआत तिथि | पौष शुक्ल अष्टमी |
कारण | माता रानी |
उत्सव विधि | मंदिर में प्रार्थना, व्रत, घर में पूजा |
Updated: Sep 27, 2024 17:32 PM
Festival | Date |
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7 January 2025 | |
13 January 2025 | |
28 December 2025 |