🪕नारद जयन्ती - Narad Jayanti

Narad Jayanti Date: Tuesday, 13 May 2025

नारद जयन्ती भगवान श्री विष्णु के अनन्य भक्त नारद जी के प्राकट्य दिवस के रूप मे मनाया जाता है। तथा उनकी पूजा-अर्चना की जाती है जिससे व्यक्ति को बल, बुद्धि और सात्विक शक्ति मिलती है।

नारद जी को ऋषि-मुनियों मे भी श्रेष्ठ माना गया है, अतः इन्हें नारद मुनि भी कहा जाता है। नारद जी को विश्व का सर्वप्रथम पत्रकार भी माना जाता है। नारद मुनि को समस्त ब्रह्मांड में कहीं भी विचरण का वरदान प्राप्त था। नारद जी ने ही ध्रुव एवं प्रह्लाद को ज्ञान देकर भक्ति का मार्ग दिखाया था।

नारद जयंती, बुद्ध पूर्णिमा के अगले दिन ही होती है, प्रतिपदा तिथि ना होने की स्थिति में यह बुद्ध पूर्णिमा के दिन भी होसकती है।

कुल 18 पुराणों में से एक नारद पुराण, ऋषिराज नारद मुनि को समर्पित है। श्रीमद्भगवद्गीता के दसवें अध्याय विभूतियोगः के 26वें श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्लोक द्वारा नारदजी की महानता का संबोधन कुछ इस प्रकार किया:
अश्वत्थः सर्ववृक्षाणां
देवर्षीणां च नारदः । (अर्थात देवर्षियों में नारद हूँ)
गन्धर्वाणां चित्ररथः सिद्धानां कपिलो मुनिः ॥10.26

शुरुआत तिथिज्येष्ठ कृष्णा प्रतिपदा
Read in English - Narad Jayanti
Narad Jayanti is celebrated as the manifestation day of Narad ji, an exclusive devotee of Bhagwan Shri Vishnu. Shri Krishna said in the Gita that I am Narad among the gods.

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भविष्य के त्यौहार
आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
ज्येष्ठ कृष्णा प्रतिपदा
समाप्ति तिथि
ज्येष्ठ कृष्णा प्रतिपदा
महीना
मई
पिछले त्यौहार
24 May 2024, 6 May 2023, 17 May 2022, 27 May 2021

Updated: Sep 27, 2024 15:43 PM

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