Lalita Saptami Date: Saturday, 30 August 2025
ललिता सप्तमी श्री राधा रानी की करीबी सखी ललिता देवी को समर्पित है, जो भद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। गोपी ललिता जी, श्री राधा-कृष्ण की अष्टसखियों में से एक हैं।
अष्टसखी: श्री ललिता, श्री विशाखा, श्री चित्रा, श्री इंदुलेखा, श्री चंपकलता, श्री रंग देवी, श्री तुंगविद्या व श्री सुदेवी।
ललिता देवी राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण की सबसे प्यारी गोपी में से एक थीं। ललिता सप्तमी गोपिका ललिता की जयंती के रूप में मनाया जाता है। भक्त इस दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी के साथ ललिता देवी की पूजा करते हैं। ललिता सप्तमी त्यौहार राधाष्टमी से एक दिन पहले और जन्माष्टमी के 14 दिन बाद मनाई जाती है।
संबंधित अन्य नाम | ललिता जयंती |
शुरुआत तिथि | भाद्रपद शुक्ला सप्तमी |
कारण | गोपिका ललिता की जयंती |
उत्सव विधि | रास लीला, श्री राधा कृष्ण मंदिर में पूजा की जाती है। |
The day of ललिता सप्तमी (Lalita Saptami) is dedicated to Shri Lalita Devi who was the close friend of Radha Rani. Lalita Saptami is the seventh day of the Shukla Paksha, in Bhadrapad month.
ललिता सप्तमी का महत्व
ललिता देवी सभी आठ गोपियों में सबसे प्यारी गोपियों में से एक हैं। वह आठवीं गोपी थीं और उनके गोपियों के समूह को अष्टसखियों के नाम से जाना जाता है। सभी आठ गोपियाँ (अष्टसखियाँ) अपने प्रिय भगवान कृष्ण और राधा रानी के लिए दिव्य प्रेम प्रदर्शित करती हैं। ललिता देवी को राधा रानी की सबसे वफादार दोस्त के रूप में जाना जाता है। वह हल्के पीले रंग की दिखती है और मोर जैसे कपड़े पहनती है।
ललिता देवी में भगवान कृष्ण और राधा देवी के प्रति अत्यधिक जुनून और गरिमा थी। ललिता देवी का जन्म करेहला गांव में हुआ था और फिर उनके पिता उन्हें उक्कागांव ले गए। इस स्थान पर अभी भी उनके चरण कमलों और ललिता देवी और अन्य गोपियों द्वारा भगवान कृष्ण की सेवा करने के लिए उपयोग किए जाने वाले बर्तनों के निशान हैं। कभी-कभी सूरज की रोशनी में उनके चरण कमलों के निशान चमकते और चमकते हैं।
ललिता सप्तमी के अनुष्ठान
ललिता भगवान कृष्ण और राधा देवी की सबसे समर्पित अनुयायी हैं। वह राधा रानी की स्थायी मित्र थीं। राधा देवी और श्रीकृष्ण की सेवा करने की उनकी एक ही इच्छा है। ब्रज भूमि और वृंदावन सबसे लोकप्रिय स्थान हैं जहां ललिता सप्तमी को धार्मिक रूप से मनाया जा रहा है। यह श्री कृष्ण और राधा रानी के लिए ललिता देवी के स्नेह का सबसे शुभ दिन है।
संबंधित जानकारियाँ
शुरुआत तिथि
भाद्रपद शुक्ला सप्तमी
कारण
गोपिका ललिता की जयंती
उत्सव विधि
रास लीला, श्री राधा कृष्ण मंदिर में पूजा की जाती है।
महत्वपूर्ण जगह
बरसाना, मथुरा, वृंदावन, ब्रज प्रदेश।
पिछले त्यौहार
10 September 2024, 22 September 2023, 3 September 2022, 13 September 2021
Updated: Aug 29, 2024 12:12 PM
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