☀️ खरमास - Kharmas

Kharmas Date: Begins: Sunday, 15 December 2024

सूर्य भगवान नवग्रहों के प्रमुख है। सूर्य क्रमानुसार 12 राशियों में गोचर (भ्रमण) करते हैं, जिसके कारण सभी ग्रहों की सापेक्ष स्थिति परिवर्तित होती है और इसका लोगों पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है। जब सूर्य भगवान गुरु बृहस्पति की राशि अर्थात मीन और धनु में प्रवेश करते हैं। तब सूर्य के बृहस्पति की राशि में प्रवेश करने और प्रस्थान करने के समय अंतराल को खरमास कहते हैं

चूँकि बृहस्पति ग्रह की दो राशियाँ हैं, तथा सूर्य इन दोनों राशियों (मीन एवं धनु) में वर्ष के अलग-अलग समय पर प्रवेश करते हैं। अतः एक वर्ष में दो बार खरमास आते हैं। हिन्दुओं के चंद्र कैलेंडर के अनुसार, खरमास फाल्गुन-चैत्र और मार्गशीर्ष-पौष महीनों के बीच आता है। अर्थात अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह मार्च-अप्रैल और दिसंबर-जनवरी के बीच आता है।

खरमास क्यों होता है?
हिंदू शास्त्र के अनुसार, जब भी सूर्य भगवान बृहस्पति की राशि मीन और धनु में आते हैं, तो खरमास होता है। इस दौरान धार्मिक कार्य यानी पूजा-हवन तो किए जा सकते हैं लेकिन कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जा सकता है।

संबंधित अन्य नामkharmas, bhagwan surya dev, phalgun-chaitra, margashirsha-paush, hindu satsra, navagrahas, no auspicious work
शुरुआत तिथिफाल्गुन-चैत्र: मीन संक्रान्ति, मार्गशीर्ष-पौष: धनु संक्रांति
कारणभगवान सूर्य
उत्सव विधिकोई शुभ कार्य नहीं
Read in English - Kharmas
According to the Hindu calendar, Kharmas falls between the months of Phalgun-Chaitra and Margashirsha-Paush. That is, according to the English calendar, it falls between March-April and December-January.

खरमास कब लगेगा? - Kharmas Kab Lagega?

खरमास 2024 कब लगेगा?
साल 2024 में दो बार खरमास लगेगा। पहला खरमास मार्च में और दूसरा खरमास दिसंबर में लगेगा।

इस साल का पहला खरमास 14 मार्च गुरुवार से शुरू होगा। उस दिन सूर्य देव सुबह 11.16 बजे मीन राशि में गोचर करेंगे। उस दौरान सूर्य की मीन संक्रांति होगी। तभी से खरमास लग जायेगा। खरमास 13 अप्रैल 2024 शाम ​​07:45 बजे तक रहेगा जब सूर्य भगवान मेष राशि में गोचर करेंगे तो उसके साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा।

रविवार 15 दिसंबर को दूसरा खरमास लगेगा। सूर्य भगवान 15 दिसंबर को रात्रि 08:49 बजे धनु राशि में प्रवेश करेंगे। उसी समय से खरमास प्रारंभ हो जायेगा। इसका समापन अगले वर्ष 2025 में मकर संक्रांति पर होगा।

खरमास में क्या न करें?

खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य न करें जेसे की विवाह, मुंडन, सगाई, जनेऊ, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। खरमास में लोग नया घर बनाने या नई दुकान खोलने का शुभ कार्य नहीं करते हैं। इस दौरान नया वाहन भी न खरीदें।

खरमास के पीछे की पौराणिक कथा

खरमास का समय साल में दो बार आता है, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी सूर्य बृहस्पति की राशि धनु और मीन में प्रवेश करता है, तब खरमास लगता है। खरमास शब्द का विच्छेदन करने पर ज्ञात होता है कि खर का अर्थ है गधा और मास का अर्थ है महीना। पौराणिक कथा के अनुसार, खरमास के महत्व को हर व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए एक कहानी सुनाई जाती है जिसमें बताया जाता है कि सूर्य अपने सात घोड़ों के रथ पर बैठकर ब्रह्मांड की परिक्रमा करते हैं और क्रांति के दौरान भगवान सूर्य का रथ नहीं चलता है। एक पल के लिए भी कहीं भी रुकें।

लेकिन सूर्य के सातों घोड़े पूरे ब्रह्मांड में साल भर दौड़ने के बाद थक जाते हैं, इसलिए कुछ अंतराल के लिए घोड़ों को आराम करने और पानी पीने के लिए रथ का संचालन खर को सौंप दिया जाता है, जिसके कारण सूर्य की गति तेज हो जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, खरमास के दौरान गधा यानी खर अपनी धीमी गति से रथ चलाता है, जिसके परिणामस्वरूप पृथ्वी पर सूर्य की महिमा कम हो जाती है। मकर संक्रांति के दिन से सूर्य फिर से अपने सात घोड़ों पर सवार होकर आगे बढ़ते हैं और पृथ्वी पर धीरे-धीरे सूर्य की तेज रोशनी बढ़ती है।

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
End: 14 January 2025
आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
फाल्गुन-चैत्र: मीन संक्रान्ति, मार्गशीर्ष-पौष: धनु संक्रांति
समाप्ति तिथि
फाल्गुन-चैत्र: मेष संक्रान्ति, मार्गशीर्ष-पौष: मकर संक्रान्ति
महीना
मार्च-अप्रैल, दिसंबर-जनवरी
कारण
भगवान सूर्य
उत्सव विधि
कोई शुभ कार्य नहीं
पिछले त्यौहार
End: 13 April 2024, Begins: 14 March 2024

Updated: Mar 15, 2024 17:15 PM

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