होलिका दहन मुहूर्त
होली 2024 [दिल्ली]
होलिका दहन मुहूर्त : रविवार, 24 मार्च 2024 11:13pm - 12:27am 25 मार्च
भद्र : रविवार, 24 मार्च 9:54am - 11:13pm
भद्रा पुंछ - 6:33pm - 7:53pm
भद्रा मुख - 7:53pm - 10:06pm
रंगवाली होली - सोमवार, 25 मार्च 2024
पूर्णिमा तिथि - 24 मार्च 2024, 9:54am - 25 मार्च 2024, 12:29pm
ब्रज होली की तिथियाँ 2024
ब्रज की होली कैलेंडर 2024
रविवार, 17 मार्च 2024 - श्रीजी मंदिर, बरसाना में लड्डू होली।
सोमवार, 18 मार्च 2024 - बरसाना की मुख्य लट्ठमार होली।
मंगलवार, 19 मार्च 2024 - नंद भवन, नंदगांव में लट्ठमार होली।
बुधवार, 20 मार्च 2024 - वृन्दावन में रंगभरी एकादशी।
गुरुवार, 21 मार्च 2024 - गोकुल में छड़ीमार होली और बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली मनाई जाएगी।
शुक्रवार, 22 मार्च 2024 - गोकुल होली मनाई जाएगी और रमण रेती के दर्शन किए जाएंगे।
रविवार, 24 मार्च 2024 - होलिका दहन (होली अग्नि), द्वारकाधीश मंदिर डोला और मथुरा विश्राम घाट, बांके बिहारी वृन्दावन में किया जाएगा।
सोमवार, 25 मार्च 2024 - पूरे ब्रज में होली मनाई जाएगी और रंग-बिरंगे रंगों और पानी से होली खेली जाएगी।
मंगलवार, 26 मार्च 2024 - दाऊजी का हुरंगा, बलदेव
30 मार्च 2024 - रंग पंचमी पर रंगनाथ जी मंदिर में होली।
🔥होलिका दहन
24 March 2024
तिथि: फाल्गुन शुक्ला पूर्णिमा
होलिका दहन को छोटी होली, बसंत पूर्णिमा और फाल्गुन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, तथा दक्षिण भारत में काम दहन के नाम से भी जानते हैं। पहले दिन होलिका दहन का मुहूर्त सूर्यास्त के बाद अग्नि प्रज्वलन का होता है। जो कि मुख्य होली के दिन जिसमें रंगों से खेलते हैं उससे एक दिन पहले ही होता है। अतः अगले दिन सुबह लोग सूखे और गीले रंगों से होली खेलना प्रारंभ करते हैं।
धुलण्डी
25 March 2024
तिथि: चैत्र कृष्णा प्रतिपदा
होली के दूसरे दिन, लोग विभिन्न रंगों के गुलाल या रंगीन पानी से एक दूसरे को रंग लगते हैं, रंगों में सराबोर की इस प्रक्रिया को प्रायः होली खेलना कहा जाता है। रंगवाली होली जो मुख्य होली दिवस है, इसे धुलण्डी या धुलेंडी के नाम से उच्चारित किया जाता है। धुलंडी के अन्य कम लोकप्रिय नाम धुलेटी, धुलेती भी हैं। आज के दिन का सबसे लोकप्रिय नारा बुरा ना मानो होली है।
दूज
27 March 2024
तिथि: चैत्र कृष्णा द्वितीया
दीवाली पर भाई दूज के समान ही, होली के बाद द्वितीया आपसी मेल-झोल का दिन है। ब्रज क्षेत्र में होली दो दिन खेली जाती है। दूसरे दिन की शाम को लोग नई वस्त्र पहन कर दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों से मिलकर मिठाइयां बाँटते हैं। होली मिलन की शुरुआत इसी परंपरा से प्रारंभ हुई है। दूज के इस दिन को भाई दूज, भ्रात्रि द्वितीया तथा दूजी भी जाना जाता है।
रंग पंचमी
30 March 2024
तिथि: चैत्र कृष्णा पंचमी
चैत्र के पाँचवे दिन मनाये जाने वाली होली के त्यौहार को रंग पंचमी कहा जाता है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों मे यह उत्सव अलग-अलग विधि तथा कारणों से मनाया जाता है। ब्रज क्षेत्र में रंगपंचमी को पाँच दिवसीय होली पर्व के समापन का दिन माना जाता है।
रंग पंचमी के बारे मे संपूर्ण जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
माघ पूर्णिमा
तिथि: माघ शुक्ला पूर्णिमा
होली से ठीक एक महिने पूर्व माघ शुक्ला पूर्णिमा के दिन से, होली मनाने वाले लोग, अपने आस-पास के सबसे पवित्र स्थान का चयन करके, वहाँ होलिका दहन से सम्वन्धित सामिग्री को एकत्रित करके रखना प्रारंभ कर देते हैं। फिर इसी पवित्र जगह से होलिका दहन आरंभ होते हुए सभी घरों तक पहुँचता है।
फुलेरा दूज
तिथि: फाल्गुन शुक्ल द्वितीया
फाल्गुन माह की शुक्ला द्वितीया को मनायी जाने वाली
फुलेरा दूज, होली आगमन का प्रतीक मानी जाती है। उत्तर भारत के गांवों में फुलेरा दूज का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। फुलेरा दूज के बाद से ही होली की तैयारियां शुरू कर दीं जातीं हैं।
फुलेरा दूज के बारे मे संपूर्ण जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
होली उत्सव के प्रसिद्ध स्थान
ब्रज क्षेत्र भगवान श्री कृष्ण के बचपन की क्रिया-कलापों का स्थान है, इसलिए मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, गोकुल, नंदगांव और बरसाना की होली संपूर्ण बिश्व में प्रसिद्ध हैं। बरसाना की पारंपरिक लठमार होली देखने के लिए दूर-दूर से लोग एकत्रित होते हैं, और इसका आनंद लेते है।
प्रहलादपुरी मंदिर
एसा माना जाता है, कि प्रहलादपुरी का मूल मंदिर हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद जी द्वारा बनाया गया था। प्रहलादपुरी मंदिर पाकिस्तान के मुल्तान शहर में स्थित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। इस मंदिर का नाम भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद जी के नाम पर रखा गया है और यह भगवान नरसिंह को समर्पित है। वर्तमान में यह खंडहर है, सन् 1992 में यह मंदिर पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा तोड़ दिया गया था।
संबंधित जानकारियाँ
आगे के त्यौहार(2025)
13 March 202514 March 202516 March 2025
शुरुआत तिथि
फाल्गुन शुक्ला पूर्णिमा
समाप्ति तिथि
चैत्र कृष्णा द्वितीया
मंत्र
बुरा ना मानो होली है, शुभ एवं मंगलमय होली, होरी है।
कारण
भक्त प्रह्लाद एवं उनकी बुआ होलिका।
उत्सव विधि
पानी एवं रंगों से होली, होलिका दहन, भजन-गीत, मिठाई वितरण।
महत्वपूर्ण जगह
बृज भूमि, मथुरा-वृंदावन, द्वारका, श्री कृष्ण मंदिर।
पिछले त्यौहार
Dauj : 27 March 2024, Dhulendi : 25 March 2024, Holika Dahan : 24 March 2024, Dauj : 9 March 2023, 8 March 2023, Holika Dahan : 7 March 2023, 17 March 2022
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