होलिका दहन मुहूर्त
होली 2025 [दिल्ली]
होलिका दहन मुहूर्त : बृहस्पतिवार, मार्च 13, 2025 11:26 PM - मार्च 14, 2025 12:30 AM
भद्रा पुंछ - 6:57 PM से 8:14 PM
भद्रा मुख - 8:14 PM से 10:22 PM
रंगवाली होली - शुक्रवार, मार्च 14, 2025
पूर्णिमा तिथि - मार्च 13, 2025 10:35 AM - मार्च 14, 2025 12:23 PM
ब्रज होली की तिथियाँ 2025
ब्रज की होली कैलेंडर 2025
28 फरवरी - महा शिवरात्रि: प्रथम होली जुलूस लाड़लीजी मंदिर, बरसाना
7 मार्च - फाग आमंत्रण: शाम को लड्डू होली लाड़लीजी महल, बरसाना
8 मार्च - लट्ठमार होली, बरसाना
9 मार्च - लट्ठमार होली, नंदगांव
10 मार्च - फूलों की होली बांके बिहारी मंदिर | रंगभरी होली वृंदावन | रंगभरी होली एवं हुरंगा श्री कृष्ण जन्मस्थान
11 मार्च - होली उत्सव, द्वारकाधीश मंदिर और गोकुल
12 मार्च - बांकेबिहारी मंदिर में होली उत्सव और डोल उत्सव, वृंदावन
13 मार्च - होलिका दहन, फालैन और पूरे ब्रज में
14 मार्च - धुलेंडी: रंगों की होली, ब्रज
15 मार्च - दाऊजी का हुरंगा, बलदेव
16 मार्च - हुरंगा, नंदगाँव
17 मार्च - हुरंगा, जावगाँव
18 मार्च - गाँव मुखराई में चरकुला नृत्य
19 मार्च - हुरंगा, बठैन गाँव
20 मार्च - हुरंगा, गिडोह
21 मार्च - रंग पंचमी | हुरंगा, खायरा
22 मार्च - रंगनाथ जी मंदिर में होली का उत्सव
🔥होलिका दहन
13 March 2025
तिथि: फाल्गुन शुक्ला पूर्णिमा
होलिका दहन को छोटी होली, बसंत पूर्णिमा और फाल्गुन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, तथा दक्षिण भारत में काम दहन के नाम से भी जानते हैं। पहले दिन होलिका दहन का मुहूर्त सूर्यास्त के बाद अग्नि प्रज्वलन का होता है। जो कि मुख्य होली के दिन जिसमें रंगों से खेलते हैं उससे एक दिन पहले ही होता है। अतः अगले दिन सुबह लोग सूखे और गीले रंगों से होली खेलना प्रारंभ करते हैं।
धुलण्डी
14 March 2025
तिथि: चैत्र कृष्णा प्रतिपदा
होली के दूसरे दिन, लोग विभिन्न रंगों के गुलाल या रंगीन पानी से एक दूसरे को रंग लगते हैं, रंगों में सराबोर की इस प्रक्रिया को प्रायः होली खेलना कहा जाता है। रंगवाली होली जो मुख्य होली दिवस है, इसे धुलण्डी या धुलेंडी के नाम से उच्चारित किया जाता है। धुलंडी के अन्य कम लोकप्रिय नाम धुलेटी, धुलेती भी हैं। आज के दिन का सबसे लोकप्रिय नारा बुरा ना मानो होली है।
दूज
16 March 2025
तिथि: चैत्र कृष्णा द्वितीया
दीवाली पर भाई दूज के समान ही, होली के बाद द्वितीया आपसी मेल-झोल का दिन है। ब्रज क्षेत्र में होली दो दिन खेली जाती है। दूसरे दिन की शाम को लोग नई वस्त्र पहन कर दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों से मिलकर मिठाइयां बाँटते हैं। होली मिलन की शुरुआत इसी परंपरा से प्रारंभ हुई है। दूज के इस दिन को भाई दूज, भ्रात्रि द्वितीया तथा दूजी भी जाना जाता है।
रंग पंचमी
19 March 2025
तिथि: चैत्र कृष्णा पंचमी
चैत्र के पाँचवे दिन मनाये जाने वाली होली के त्यौहार को रंग पंचमी कहा जाता है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों मे यह उत्सव अलग-अलग विधि तथा कारणों से मनाया जाता है। ब्रज क्षेत्र में रंगपंचमी को पाँच दिवसीय होली पर्व के समापन का दिन माना जाता है।
रंग पंचमी के बारे मे संपूर्ण जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
माघ पूर्णिमा
तिथि: माघ शुक्ला पूर्णिमा
होली से ठीक एक महिने पूर्व माघ शुक्ला पूर्णिमा के दिन से, होली मनाने वाले लोग, अपने आस-पास के सबसे पवित्र स्थान का चयन करके, वहाँ होलिका दहन से सम्वन्धित सामिग्री को एकत्रित करके रखना प्रारंभ कर देते हैं। फिर इसी पवित्र जगह से होलिका दहन आरंभ होते हुए सभी घरों तक पहुँचता है।
फुलेरा दूज
तिथि: फाल्गुन शुक्ल द्वितीया
फाल्गुन माह की शुक्ला द्वितीया को मनायी जाने वाली
फुलेरा दूज, होली आगमन का प्रतीक मानी जाती है। उत्तर भारत के गांवों में फुलेरा दूज का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। फुलेरा दूज के बाद से ही होली की तैयारियां शुरू कर दीं जातीं हैं।
फुलेरा दूज के बारे मे संपूर्ण जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
होली उत्सव के प्रसिद्ध स्थान
ब्रज क्षेत्र भगवान श्री कृष्ण के बचपन की क्रिया-कलापों का स्थान है, इसलिए मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, गोकुल, नंदगांव और बरसाना की होली संपूर्ण बिश्व में प्रसिद्ध हैं। बरसाना की पारंपरिक लठमार होली देखने के लिए दूर-दूर से लोग एकत्रित होते हैं, और इसका आनंद लेते है।
प्रहलादपुरी मंदिर
एसा माना जाता है, कि प्रहलादपुरी का मूल मंदिर हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद जी द्वारा बनाया गया था। प्रहलादपुरी मंदिर पाकिस्तान के मुल्तान शहर में स्थित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। इस मंदिर का नाम भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद जी के नाम पर रखा गया है और यह भगवान नरसिंह को समर्पित है। वर्तमान में यह खंडहर है, सन् 1992 में यह मंदिर पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा तोड़ दिया गया था।
संबंधित जानकारियाँ
आगे के त्यौहार(2025)
13 March 202514 March 202516 March 2025
शुरुआत तिथि
फाल्गुन शुक्ला पूर्णिमा
समाप्ति तिथि
चैत्र कृष्णा द्वितीया
मंत्र
बुरा ना मानो होली है, शुभ एवं मंगलमय होली, होरी है।
कारण
भक्त प्रह्लाद एवं उनकी बुआ होलिका।
उत्सव विधि
पानी एवं रंगों से होली, होलिका दहन, भजन-गीत, मिठाई वितरण।
महत्वपूर्ण जगह
बृज भूमि, मथुरा-वृंदावन, द्वारका, श्री कृष्ण मंदिर।
पिछले त्यौहार
Dauj : 27 March 2024, Dhulendi : 25 March 2024, Holika Dahan : 24 March 2024, Dauj : 9 March 2023, 8 March 2023, Holika Dahan : 7 March 2023, 17 March 2022
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