🌱हरेला - Harela

Harela Date: Wednesday, 16 July 2025

सुख, समृद्धि और खुशहाली का पर्व हरेला मूल रूप से देवभूमि उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला पर्व है। हरेला सूर्य के मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश के कारण उत्पन्न कर्क संक्रांति के कारण मनाया जाता है तथा संक्रांति कैलेंडर के अनुसार सावन मास का आगमन माना जाता है।

त्यौहार को हरेला क्यों कहा जाता है? | हरेला कैसे बोए?
हरेला बोने के लिए टोकरी अथवा फैले हुए पात्र में मिट्टी डालकर गेहूँ, जौ, धान, गहत, मक्का, उड़द तथा सरसों आदि 5 या 7 प्रकार के बीजों को बोया जाता है। शहरी श्रद्धालु इन बीजों की उपलब्धता के अभाव में गेहूँ, जौ एवं मक्का को ही बो लेते हैं। इन उगे हुए छोटे-छोटे पौधों को ही हरेला कहा जाता है।

कर्क संक्रांति अर्थात हारेला के दिन इन बोए हुए अनाजों के अंकुरित पौधों को परिवार के सदस्यों द्वारा शिरोधार किया जाता है उसके उपरांत इनको पकवानों का भोग लगाकर काटा जाता है।

हरेला कितने दिन पहले बोए? | हरेला कब बोए?
प्रचलित स्थानीय परम्पराओं के अनुसार हरेला 11 दिन, 10 दिन अथवा 9 दिन का रखा/उगाया जाता है, अतः कर्क संक्रांति के दिन हरेला काटने के लिए अपनी स्थानीय परम्परा के अनुसार अन्न को 11, 10 अथवा 9 दिन पहिले बोया जाना चाहिए।

हरेला की ही तरह चैत्र नवरात्रि एवं शारदीय नवरात्रि में भी इसी प्रकार की प्रक्रिया के अंतर्गत जौ एवं गेहूँ माता की चौकी के साथ नौ दिन के लिए बोए जाते हैं।

हरेला पर्व हिंदू मान्यताओं का पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुप होना दर्शाता है, हरेला को उत्तराखण्ड सरकार राज्य स्तर पर पर्यावरण दिवस के रूप मे मानती है।

संबंधित अन्य नामहरयाव
शुरुआत तिथिआषाढ़ / श्रावण (कर्क संक्रांति)
कारणसूर्य का मीन राशि में प्रवेश, श्रवण माह का आगमन।
Read in English - Harela
Harela, a festival of happiness and prosperity, is basically a festival celebrated with gaiety in the Kumaon region of Uttarakhand state.

हरेला गीत

हरेला पर्व पर गाये जाने वाला लोकप्रिय गीत:

जी रया, जागि रया,
यो दिन, यो महैंण कैं नित-नित भ्यटनै रया ।
दुब जस पगुर जया,
धरती जस चाकव, आकाश जस उच्च है जया ।
स्यूं जस तराण ऐ जौ, स्याव जसि बुद्धि है जौ ।
हिमालय में ह्यू छन तक,
गंगा में पाणी छन तक,
जी रया, जागि रया ।
भावार्थ: तुम जीते रहो और जागरूक बने रहो, हरेले का यह दिन-बार आता रहे, आपका परिवार दूब की तरह पनपता रहे, धरती जैसा विस्तार मिले, आकाश की तरह उच्चता प्राप्त हो, सिंह जैसी ताकत और सियार जैसी बुद्धि मिले, हिमालय में हिम रहने और गंगा में पानी बहने तक इस संसार में तुम बने रहो।

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
आषाढ़ / श्रावण (कर्क संक्रांति)
महीना
जुलाई
कारण
सूर्य का मीन राशि में प्रवेश, श्रवण माह का आगमन।
महत्वपूर्ण जगह
घर, मंदिर, कुमाऊं, उत्तराखण्ड।
पिछले त्यौहार
16 July 2024, 16 July 2023, 16 July 2022, 16 July 2021

वीडियो

Updated: Sep 27, 2024 15:43 PM

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