Gudi Padwa Date: Thursday, 19 March 2026
गुड़ी पड़वा का त्योहार हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसी दिन से हिन्दू नववर्ष की शुरुआत भी होती है। मुख्य रूप से महाराष्ट्र राज्य में नए साल की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है, गुड़ी पड़वा या उगादी अगले फसल वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। गुड़ी पड़वा के दिन से ही चैत्र नवरात्रि पर्व की भी शुरुआत हो जाती है।
गुड़ी पड़वा का महत्व
गुड़ी पड़वा हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान रखता है। ऐसा माना जाता है कि गुड़ी को घर पर फहराने से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं और जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है। यह दिन वसंत की शुरुआत का भी प्रतीक है और इसे फसल उत्सव के रूप में माना जाता है। कई अन्य राज्यों में इस पर्व को संवत्सर पड़वो, उगादि, चेती, नवारेह, साजिबु नोंगमा पानबा चीरोबा आदि नामों से जाना जाता है। कई लोगों का मानना है कि इस दिन सोना या नई कार खरीदना शुभ होता है।
गुड़ी पड़वा 2025 पूजा तिथि
गुड़ी पड़वा रविवार, मार्च 30, 2025
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - मार्च 29, 2025 को 4:27 PM
प्रतिपदा तिथि समाप्त - मार्च 30, 2025 को 12:49 PM
शुरुआत तिथि | चैत्र शुक्ल पक्ष |
कारण | हिन्दू नववर्ष |
उत्सव विधि | घर में पूजा, मंदिर में प्रार्थना |
Gudi Padwa festival is celebrated every year on Pratipada Tithi of Shukla Paksha of Chaitra month with great enthusiasm. The Hindu New Year also begins on this day. Primarily celebrated as the beginning of the new year in the state of Maharashtra, Gudi Padwa or Ugadi marks the beginning of the next crop year.
गुड़ी पड़वा पूजा विधि
❀ गुड़ी पड़वा के दिन साधकों को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शरीर पर उबटन लगाकर स्नान आदि करना चाहिए।
❀ सुगंध, पुष्प, धूप, दीप आदि से भगवान की पूजा करनी चाहिए। सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें और फिर 'ॐ ब्राह्मणे नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें और ब्रह्मा जी की विधि-विधान से पूजा करें।
❀ गुड़ी पड़वा के दिन घर के सामने झंडा या गुड़ी फहराया जाता है और दरवाजे पर रंग-बिरंगी रंगोली बनाई जाती है। झंडे को पीले रेशमी आभूषणों, आम के पेड़ के फूलों और पत्तियों से सजाया गया है। सिंदूर और हल्दी से बना शुभ स्वस्तिक बनाया जाता है।
❀ गुड़ी पड़वा के दिन नीम के पत्तों का चूर्ण बनाकर उसमें नमक, हींग, जीरा, काली मिर्च, अजवायन और मिश्री मिलाकर सेवन करें। ऐसा करने से साल भर व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और शारीरिक कष्ट भी दूर हो जाते हैं।
शास्त्रों में बताया गया है कि गुड़ी पड़वा के दिन देवी-देवताओं की पूजा करने से साल भर सुख-समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
संबंधित जानकारियाँ
शुरुआत तिथि
चैत्र शुक्ल पक्ष
उत्सव विधि
घर में पूजा, मंदिर में प्रार्थना
महत्वपूर्ण जगह
महाराष्ट्र
पिछले त्यौहार
30 March 2025, 9 April 2024, 22 March 2023
Updated: Feb 21, 2025 17:40 PM
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