Goga Navami Date: Sunday, 17 August 2025
भाद्रपद महीने में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दूसरे दिन गोगा नवमी मनाई जाती है। राजस्थान के लोकप्रिय देवता गोगा जी को गोगा, जाहरवीर गोगा, गुग्गा, गोगा पीर, जाहरपीर, गोगा चौहान, गोगा राणा, गोगा बीर, गोगा महाराज और राजा मंडलिक के नाम से भी जाना जाता है।
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले का एक छोटा सा कस्बा गोगामेड़ी में भादों कृष्णपक्ष एवं शुक्लपक्ष की नवमी को गोगाजी का मेला बहुत प्रसिद्ध है। इस मेले में श्रद्धालु राजस्थान राज्य के अतरिक्त जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश एवं गुजरात से भी पधारते हैं। गोगा नवमी को श्री जहरवीर गोगाजी की जयंती के रूप में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।
बाबा गोरखनाथ के परमशिष्य गोगाजी महाराज को नागों का देवता माना जाता है। इसलिए इस दिन नागों की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि पूजा स्थल की मिट्टी को घर में रखने से सांपों के भय से मुक्ति मिलती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार गोगा जी महाराज की पूजा करने से सर्पदंश का खतरा नहीं होता है। हिन्दू इन्हें गोगाजी तथा मुसलमान इनको गोगापीर एवं जाहरपीर के रूप में पूजते हैं।
राजस्थान में एक जनश्रुति के अनुसार पाबूजी, हड़बूजी, रामदेवजी, मंगलियाजी और मेहाजी को पांच मुख्य पीर(पंच पीर) माना जाता है। इस जनश्रुति को दोहा के रूप में इस प्रकार से जाना जाता है:
पाबू, हड़बू, रामदे, मांगलिया, मेहा ।
पांचो पीर पधारज्यों, गोगाजी जेहा ॥
संबंधित अन्य नाम | गुग्गा नवमी |
शुरुआत तिथि | भाद्रपद कृष्णा नवमी |
कारण | महाराज गोगा जी चौहान का जन्म दिवस। |
उत्सव विधि | पूजा, भजन-कीर्तन, नाग पूजा, मेला। |
Goga (Gugga) Navami is celebrated on the second day of Shri Krishna Janmashtami in the month of Bhadrapada. Goga ji is the folk deity of Rajasthan | Puja Vidhi on Goga Navami | Significance of Goga Navami
गोगा नवमी कब है? - Goga Navami Kab Hai
गोगा नवमी : 27 अगस्त 2024
भाद्रपद कृष्ण नवमी तिथि : 27 अगस्त 2024 2:19am - 28 अगस्त 2024 1:33am
गोगा नवमी पर पूजा विधि
❀ गोगा नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और मिट्टी से गोगादेव की मूर्ति बनाएं या चित्र की पूजा करें। गोगा नवमी पर भक्त 'गोगाजी' की मूर्ति की पूजा करते हैं।
❀ ऐसा कहा जाता है कि भगवान गोगा की पूजा की परंपरा श्रावण पूर्णिमा (रक्षा बंधन के दिन) से शुरू होती है और कुछ क्षेत्रों में नवमी तक नौ दिनों तक जारी रहती है।
❀ गोगा देव को चावल, रोली, वस्त्र आदि चढ़ाएं। खीर, चूरमा या गुलगुले का भोग लगाएं। इस दिन घोड़े को मसूर की दाल खिलाने की भी परंपरा है।
❀ गुगा मारी मंदिरों में, कई पूजाएं और जुलूस आयोजित किए जाते हैं। खतरे से सुरक्षा के लिए, गोगा नवमी के अवसर पर भक्त भगवान गोगा को राखी या 'रक्षा स्तोत्र' भी बांधते हैं।
❀ पूजा के अंत में, भक्त गोगाजी कथा का जाप करते हैं। पूजा अनुष्ठान पूरा होने के बाद, चावल और रोटी को प्रसाद के रूप में उपासकों के बीच वितरित किया जाता है।
❀ गोगा नवमी उत्सव के दौरान, उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी भारत के ग्रामीण इलाकों में व्यापक मेले भी आयोजित किए जाते हैं। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में गुगा नवमी मेला सभी मेलों और मेलों में सबसे बड़ा और सबसे लोकप्रिय है।
गोगा नवमी का महत्व
गोगा नवमी गोगाजी के सम्मान में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक है। किंवदंतियों के अनुसार, गोगा जी एक शक्तिशाली राजपूत राजकुमार माने जाते हैं जिनके पास जहरीले सांपों को नियंत्रित करने की अलौकिक शक्तियां थीं। हिंदुओं का मानना है कि इस दिन उनकी पूजा करने से सांप और अन्य बुराइयों से उनकी रक्षा होती है। इसके अलावा एक प्रचलित मान्यता यह भी है कि भगवान गोगा बच्चों को हर नुकसान से बचाते हैं। इसलिए विवाहित महिलाएं गोगा नवमी की पूजा करती हैं और उनसे अपने बच्चों की सलामती और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। कुछ निःसंतान विवाहित महिलाएं भी इस दिन संतान के लिए प्रार्थना करती हैं।
गोगाजी को गोरखनाथ का परम शिष्य माना जाता है। गोगा नवमी को गुग्गा नवमी के नाम से भी जाना जाता है।
संबंधित जानकारियाँ
शुरुआत तिथि
भाद्रपद कृष्णा नवमी
समाप्ति तिथि
भाद्रपद कृष्णा नवमी
कारण
महाराज गोगा जी चौहान का जन्म दिवस।
उत्सव विधि
पूजा, भजन-कीर्तन, नाग पूजा, मेला।
महत्वपूर्ण जगह
राजस्थान, हनुमानगढ़, गोगामेड़ी, गोगाजी मंदिर।
पिछले त्यौहार
27 August 2024, 8 September 2023, 20 August 2022, 31 August 2021
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