बुढ़वा मंगल उत्सव हनुमान जी के वृद्ध / बूढ़े रूप को समर्पित है। यह उत्सव भाद्रपद / भादौं माह के अंतिम मंगलवार को आयोजित किया जाता है, जिसे प्रचलित भाषा में बूढ़े मंगल के नाम से भी जाना जाता है। नगला खुशहाली में 300 साल पुराने हनुमान बरी परिसर में यह त्यौहार बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
बुढ़वा मंगल दक्षिण भारत की अपेक्षा उत्तर भारत मे ज्यादा प्रमुखता से मनाया जाता है। परंतु, उत्तर भारत में ही कहीं-कहीं यह त्यौहार ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बूढ़ा मंगल के नाम से मनाया जाता है, जिनमे कानपुर, लखनऊ एवं वाराणसी प्रमुख हैं।
संबंधित अन्य नाम | बूढ़े मंगल, बड़ा मंगल |
शुरुआत तिथि | भाद्रपद शुक्ला का अंतिम मंगल |
उत्सव विधि | व्रत, पूजा, व्रत कथा, भजन-कीर्तन, हनुमान जी का चोला। |
Updated: Sep 27, 2024 15:44 PM