Bishnoi Sthapana Divash Date: Monday, 13 October 2025
बिश्नोई स्थापना दिवस सन् 1485 से कार्तिक कृष्णा अष्टमी को बिश्नोई संप्रदाय के द्वारा मनाया जाता है। इस संप्रदाय की स्थापना गुरु जम्भेश्वर जी ने की थी। बिश्नोई शब्द को विष्णु से लिया गया, जिसका अर्थ है विष्णु के अनुयायी। विभिन्न विचारों के अनुसार बिश्नोई संप्रदाय में 2 9 सिद्धांतों का पालन किया जाता है। बिश का अर्थ है 20(बीस) और नोई का मतलब 9 (नौ)। इस प्रकार, बिश्नोई बीस-नियम के रूप में भी अनुवादित किया जाता है।
बिश्नोई समाजी लोग प्रकृति एवं जंगली जानवरों के अत्यधिक प्रेमी होते हैं। प्रारंभ में, बिश्नोई सम्प्रदाय को अपनाने वाले अधिकतर लोग जाट समुदाय से थे। अतः बिश्नोई सम्प्रदाय को कुछ जगह बिश्नोई जाट भी बोला जाता है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने चैंपियन ऑफ अर्थ अवार्ड 2018 का श्रेय विश्नोई समाज को दिया ।
तथा बिश्नोईयो के पर्यावरण के लिए बलिदान की परंपरा को विश्व इतिहास की अनोखी घटना भी बताया।
संबंधित अन्य नाम | बिश्नोई समाज स्थापना दिवस |
शुरुआत तिथि | कार्तिक कृष्णा अष्टमी |
कारण | बिश्नोई संप्रदाय स्थापना दिवस |
उत्सव विधि | व्रत, भजन-कीर्तन, मंदिर में प्रार्थना |
Bishnoi Sthapana Divash is celebrated as the established day of Bishnoi sect in Kartik Krishna Ashtami 1485. The sect was founded by Guru Jambheshwar.
बिश्नोई स्थापना दिवस अनुष्ठान
❀ सप्तमी से ही मुक्तिधाम मुकाम में जाम्भाणी सत्संग का आयोजन किए जाते हैं।
❀ अष्टमी को मुक्तिधाम मुकाम से शोभा यात्रा निकली जाती है।
❀ शोभा यात्रा में भगवें झण्डे के सात 29 नियमों की पट्टिकाओं के साथ बिश्नोई जन सम्मिलित होते हैं।
❀ बिश्नोईयों के आद्य स्थल समराथल धोरा पर जाम्भाणी यज्ञ के साथ पवित्र पाहल बनाया जाता है, बिश्नोई जन अपने संकल्पों को दोहराएंगे।
❀ महासभा द्वारा तैयार प्रसाद-भोज का भोजशाला में आकर ग्रहण करते हैं।
संबंधित जानकारियाँ
शुरुआत तिथि
कार्तिक कृष्णा अष्टमी
समाप्ति तिथि
कार्तिक कृष्णा अष्टमी
कारण
बिश्नोई संप्रदाय स्थापना दिवस
उत्सव विधि
व्रत, भजन-कीर्तन, मंदिर में प्रार्थना
महत्वपूर्ण जगह
मुक्ति धाम, बीकानेर राजस्थान
पिछले त्यौहार
24 October 2024, 5 November 2023, 18 October 2022, 29 October 2021
Updated: Sep 27, 2024 15:51 PM
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