🍚बसौड़ा (शीतला अष्टमी) - Basoda (Sheetala Ashtami)

Basoda (Sheetala Ashtami) Date: Wednesday, 11 March 2026

बसौड़ा, माता शीतला की पूजा को समर्पित त्यौहार हैं जो कि होली के अठवे दिन अर्थात चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी को मनाया जाता है।

बासौडा को शीतला अष्टमी के रूप में भी जाना जाता है। कुछ जगहों पर बसौड़ा होली के बाद पहले सोमवार या शुक्रवार को भी मनाया जाता है। बसौड़ा दक्षिण भारत की अपेक्षा, उत्तर भारतीय राज्यों जैसे गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली में अधिक लोकप्रिय है।

शीतला अष्टमी व्रत की तैयारियाँ एक दिन पूर्व अर्थात कृष्णा सप्तमी से ही प्रारंभ हो जाती हैं। यह तैयारियाँ सप्तमी की रात को रसोई की सफाई करके, तथा खाना बना कर पूरी होती हैं। खाने में मुख्यतया दही, गुड, राबड़ी का प्रयोग होता है।

शीतला अष्टमी के दिन सुबह व्रत के नियमों को पालन करते हुए, व्रत का संकल्प लेते हैं। उसके उपरांत माता शीतला की व्रत कथा, चालीसा, भजन एवं आरती का क्रम चलता है। इसके बाद सप्तमी की रात को बने भोजन का शीतला माता को भोग लगाते हैं। उसके उपरांत होलिका दहन वाली जगह पर ही पूजा करने का विधान है, तथा अंत में अपने घर के पूज्‍यनीयों का आशीर्वाद अवश्य लें। इन सभी के बाद स्वयं उसी भोग लगे भोजन को प्रसाद स्वरूप ग्रहण करते हैं।

इस दिन घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता, सप्तमी के दिन बनाये गए बासी भोजन को ही खाया जाता है। चूँकि इस व्रत में बासी भोजन प्रसाद रूप मे ग्रहण किया जाता है, इसी कारण इस त्यौहार को बसौड़ा कहा गया है।

संबंधित अन्य नामबसोड़ा, बासौडा, शीतला सप्तमी, शीतला अष्टमी
शुरुआत तिथिअष्टमी चैत्र कृष्णा अष्टमी
कारणमाता शीतला अष्टमी।
उत्सव विधिव्रत, पूजा, व्रत कथा, भजन-कीर्तन, शीतला माता पूजन, भोग प्रसाद।
Read in English - Basoda (Sheetala Ashtami)
Basoda is a festival dedicated to the worship of Mata Sheetla which is celebrated on the eighth day of Holi..

शीतला अष्टमी कब है?

शीतला अष्टमी: शनिवार, 22 मार्च 2025 [Delhi]
शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त: 6:23 AM - 6:33 PM
अष्टमी तिथि: 22 मार्च 2025 4:23 AM - 23 मार्च 2025 5:23 AM

शीतला सप्तमी: शुक्रवार, 21 मार्च 2025
शीतला सप्तमी पूजा मुहूर्त: 6:24 AM - 6:33 PM
सप्तमी तिथि: 21 मार्च 2025 2:45 AM - 22 मार्च 2025 4:23 AM

स्वास्थ संबंधी मान्यताएँ

इस व्रत में कुछ स्वास्थ्य संबंधित प्रेरणा भी छुपी हुई हैं:
शीतला अष्टमी के बाद से गर्मियां के मौसम की सुरुआत हो जाती है, तथा गर्मियों में बासी भोजन खाने से बीमारी होने का खतरा बना रहता है। अतः शीतला अष्टमी के दिन बासी-खाना खाने के बाद आगे बासी-खाना नहीं खाया जाता है।

माता शीतला को निरोग की देवी माना गया है, अतः मान्यताओं के अनुसार शीतला अष्टमी पर माता शीतला की पूजा एवं व्रत करने से चेचक, चिकन पॉक्स और खसरा जैसी बीमारियां ठीक होती हैं तथा भक्त की काया निरोगी रहती है।

संबंधित जानकारियाँ

आवृत्ति
वार्षिक
समय
2 दिन
शुरुआत तिथि
अष्टमी चैत्र कृष्णा अष्टमी
समाप्ति तिथि
अष्टमी चैत्र कृष्णा अष्टमी
कारण
माता शीतला अष्टमी।
उत्सव विधि
व्रत, पूजा, व्रत कथा, भजन-कीर्तन, शीतला माता पूजन, भोग प्रसाद।
महत्वपूर्ण जगह
शीतला माता मंदिर, मंदिर, घर।
पिछले त्यौहार
22 March 2025, 2 April 2024, 15 March 2023, 25 March 2022, 4 April 2021

Updated: Mar 21, 2025 07:39 AM

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