🌚पौष अमावस्या - Pausha Amavasya

Amavasya Date: Monday, 30 December 2024

अमावस्या एक वर्ष मे 12 बार आने वाला मासिक उत्सव है, अधिक मास की स्थिति मे यह एक वर्ष मे 13 बार भी हो सकती है।

हिन्दू पंचांग के अनुसार अमावस्या माह की और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि है, इस दिन का भारतीय जनजीवन में अत्यधिक महत्व हैं। हर माह की अमावस्या को कोई न कोई पर्व अवश्य मनाया जाता हैं। इन्हीं मासिक तिथियों मे, कुछ लोकप्रिय एवं महत्वपूर्ण अमावस्या तिथि मौनी अमावस्या, शनि जयंती तथा वट सावित्री व्रत, भौमवती अमावस्या, कार्तिक अमावस्या अर्थात दीवाली, हरियाली अमावस्या, महालया अमावस्या अथवा सर्वपितृ अमावस्या हैं। भारत का सबसे लोकप्रिय एवं जगमगाहट वाला त्यौहार दीवाली भी कार्तिक माह की अमावस्या के दिन ही पड़ता है।

अमावस्या को हिंदू ग्रंथो में पित्रों अर्थात पूर्वजों को समर्पित महत्वपूर्ण दिवस के रूप मे माना जाता है। इस दिन पितरों के लिए दान तथा पवित्र नदियों मे स्नान को श्रेष्ठ माना गया है।

हिन्दु पञ्चांग एवं खगोलीय स्थिति के अनुसार, चंद्रमा 28 दिनों में पृथ्वी का एक चक्कर पूर्ण करता है। 15 दिनों के उपरांत चंद्रमा पृथ्वी की एक छोर से दूसरी की छोर पर होता है। जब चंद्रमा भारतवर्ष से दूसरी छोर पर होता है, तब उसे नहीं देखा जा सकता। जब चंद्रमा पुर्ण रूप से भारतवर्ष मे दिखाई नहीं देता, उस दिन को ही अमावस्या का दिन कहा जाता है। और यह घटना(अमावस्या) प्रत्येक स्थान अथवा देश के लिए चंद्रमा की स्थिति के अनुसार अलग-अलग समय पर हो सकती है।

संबंधित अन्य नामअमावस, तमिल: அமாவாசை, मलयालम: അമാവാസി, तेलुगु: అమావాస్య, गुजराती: અમાવાસ્યા
शुरुआत तिथिकृष्णा अमावस्या
उत्सव विधिदान, पित्र दान, पूजा, भजन-कीर्तन, गंगा स्नान।
Read in English - Pausha Amavasya
Amavasya is a monthly festival that comes 12 times in a year, in case of more months it can happen 13 times in a year.

अमावस्या कब है?

पौष अमावस्या तिथि : [दिल्ली]

पितृ / दर्श / स्नान / दान अमावस्या : सोमवार, 30 दिसंबर 2024

पौष कृष्ण अमावस्या : 30 दिसंबर 2024 4:01 AM - 31 दिसंबर 2024 3:56 AM

दर्श अमावस्या

दर्श अमावस्या के दिन चंद्रमा पूर्ण रूप से रात को दिखाई नही देता है। अतः तिथिवार अमावस्या तथा दर्श अमावस्या अलग-अलग दिन होसकती है। अमावस्या के दिन, ग्रहों की अतिरिक्त ऊर्जा विकिरण द्वारा मनुष्यों तक पहुँचती है। मानव पर अमावस्या का सबसे आम प्रभाव मानसिक बीमारी, क्रोध अथवा चिड़चिड़ापन आना है।

सोमवती अमावस्या

सोमवार के दिन आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, सोमवती अमावस्या का एक विशेष महत्त्व है। सोमवती अमावस्या के बारे मे विस्तार से जानें >

भौम अमावस्या

साप्ताहिक दिन मंगलवार को आने वाली अमावस्या को भौम अमावस्या कहते हैं, इसे भौमवती अमावस्या भी कहा जाता है। मंगलवार के दिन होने के कारण भौम अमावस्या पर हनुमानजी की पूजा का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।

शुभवारी अमावस्या

सोमवती अमावस्या तथा शनि अमावस्या की तरह ही, गुरुवार के दिन होने वाली अमावस्या को शुभवारी अमावस्या कहते हैं।.

शनि अमावस्या

जैसे सप्ताह के पहले दिन सोमवार को आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं, इसी प्रकार शनिवार के दिन आने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या कहते हैं।

सभी प्रसिद्ध अमावस्या

भाद्रपद मास - पिठोरी व्रत, पिठोरी अमावस्या व्रत, कुशोत्पाटिनी
आश्विन मास - महालया अमावस्या अथवा सर्वपितृ अमावस्या
कार्तिक मास - दीवाली
मार्गशीर्ष मास
पौष मास - वकुलामावस अमावस्या
माघ मास - मौनी अमावस्या
फाल्गुन मास
चैत्र मास
वैशाख मास
ज्येष्ठ मास - शनि जयंती / वट सावित्री व्रत
आषाढ़ मास
श्रावण मास - हरियाली अमावस्या

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
आवृत्ति
मासिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
कृष्णा अमावस्या
समाप्ति तिथि
कृष्णा अमावस्या
महीना
हर महीने की अमावस्या
उत्सव विधि
दान, पित्र दान, पूजा, भजन-कीर्तन, गंगा स्नान।
महत्वपूर्ण जगह
मंदिर, नदी घाट, गंगा, यमुना, संगम।

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Updated: Dec 10, 2024 12:38 PM

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