मंगलवार और शनिवार को क्यों करते हैं हनुमान जी की पूजा? (Why Hanuman ji worshiped on Tuesdays and Saturdays?)

प्रभु हनुमान को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। केसरी और अंजना के पुत्र, हनुमान का जन्म मंगलवार को चैत्र के हिंदू महीने के दौरान पूर्णिमा के दिन हुए थे। इसलिए, भक्त मंगलवार को श्री हनुमान की पूजा करते हैं। इसके अलावा, मंगलवार जिसका अर्थ है शुभता का दिन।
शनिवार को हनुमान जी की पूजा के पीछे की कहानी:
शनिवार को लोग आमतौर पर शनि देव की पूजा करते हैं, लेकिन फिर भी इस दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनि देव बहुत प्रसन्न होते हैं और इससे शनि देव से संबंधित सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। शनिवार को हनुमान जी की पूजा के पीछे एक कथा बताई जाती है, जिसमें शनि देव ने हनुमान जी से वादा किया था कि जो भी हनुमान जी की पूजा करेगा, वह उन्हें कभी परेशान नहीं करेंगे।

श्री राम के वफादार भक्त के रूप में अधिक पूजनीय, हनुमान अपनी शक्ति और ज्ञान के लिए जाने जाते हैं। उन्हें पवन पुत्र के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि हवाओं के देवता ने भगवान शिव का आशीर्वाद लिया और माता अंजना को उनके जन्म का संदेश दिया था।

बजरंगबली के रूप में भी जाना जाता है, हनुमान की अपने भगवान (राम) में अटूट आस्था आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती है। वह निस्वार्थ सेवा और भक्ति के प्रतीक है।

हनुमान जी की पूजा मंगलवार और शनिवार को कैसे करें:
❀ मंगलवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। स्नान करके पूजा गृह में जाकर बजरंगबली को प्रणाम कर लाल फूल, सिंदूर, वस्त्र, जनेऊ आदि अर्पित करें। पूजन आदि के बाद आपको हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।

❀ शनिवार के दिन स्नान के बाद मंदिर में जाकर तांबे के बर्तन में जल और सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को अर्पित करें। इसके बाद उन्हें गुड़, चना और केला चढ़ाएं। उनके सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान जी के मंत्र 'श्री हनुमंते नमः' का जाप करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से हनुमान जी और शनि देव दोनों की कृपा प्राप्त होती है।

दिलचस्प बात यह है कि हनुमान को चिरंजीवी भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि वे अमर हैं। वह आज भी किसी न किसी रूप में विद्यमान है। सप्ताह के किसी भी दिन हनुमान जी की पूजा की जा सकती है, लेकिन मंगलवार और शनिवार को अधिक शुभ माना जाता है। इसलिए, लोग मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी को समर्पित मंदिरों में जाते हैं। इनकी आराधना से व्यक्ति सफलता, शांति, सुख, शक्ति और साहस प्राप्त कर सकता है।
Why Hanuman ji worshiped on Tuesdays and Saturdays? - Read in English
Hanuman ji is considered an incarnation of Bhagwan Shiva. The son of Kesari and Anjana, Hanuman was born on a Tuesday, a full moon day during the Hindu month of Chaitra. Therefore, devotees worship Shri Hanuman on Tuesdays. Shani Dev is very pleased by worshiping Hanuman ji on Saturday and it removes all the problems related to Shani Dev.
Blogs Hanuman Chalisa BlogsShri Hanuman BlogsBajrangbali BlogsShri Balaji BlogsMangalwar BlogsTuesday BlogsSaturday BlogsShani Dev Blogs
अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

चैत्र मास 2025

चैत्र मास, हिंदू कैलेंडर का पहला महीना, जो हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। हिन्दू वर्ष का प्रथम मास होने के कारण चैत्र का विशेष महत्व है। चैत्र मास की पूर्णिमा चित्रा नक्षत्र में है, इसलिए इस मास का नाम चैत्र है। चैत्र का महीना मार्च या अप्रैल में आता है।

आंवला नवमी पर राधा पद दर्शन

आंवला नवमी या अनला नवमी के शुभ अवसर पर, हजारों भक्त प्रसिद्ध राधा पद दर्शन अनुष्ठान के लिए सखीगोपाल मंदिर, पुरी, ओडिशा में भगवान श्री कृष्ण के प्रसिद्ध गोपीनाथ मंदिर जाते हैं।

दीवाली विशेष 2024

दीवाली/दीपावली क्यों, कब, कहाँ और कैसे? आरती माँ लक्ष्मीजी, भगवान श्री कुबेर जी की आरती, आरती श्री गणेश जी, आरती श्री रामचन्द्र जी की कीजै, श्री गोवर्धन महाराज आरती

कार्तिक मास 2024

कार्तिक मास हिंदू कैलेंडर का आठवां महीना है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अक्टूबर और नवंबर में आता है। भारत के राष्ट्रीय नागरिक कैलेंडर में, कार्तिक वर्ष का आठवां महीना है।

पवित्र कार्तिक मास में क्या करें?

कार्तिक मास (माह) हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र महीना है, इस महीने की अधिष्ठात्री देवी श्रीमती राधारानी हैं। इस वर्ष 2023 कार्तिक मास 29 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 27 नवंबर को समाप्त होगा।