कांवर यात्रा की परंपरा किसने शुरू की? (Who started the tradition of Kanwar Yatra?)

सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बहुत खास होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार पांचवां महीना सावन है। इसी महीने से कांवर यात्रा भी शुरू होती है। शिव भक्तों के लिए कावड़ यात्रा किसी तीर्थ यात्रा से कम नहीं है। हर साल सावन शिवरात्रि पर लाखों की संख्या में कांवडिये हरिद्वार से पैदल पवित्र नदी गंगा का जल लेकर आते हैं और अपने क्षेत्र के शिवलिंगों में जलाभिषेक करते हैं।यह एक कठिन यात्रा है। उत्तर प्रदेश में एक ऐसा मंदिर स्थापित है, जहां सावन के दौरान कांवरियों की भारी भीड़ उमड़ती है। इस मंदिर का संबंध भगवान परशुराम से माना जाता है। तो आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ मान्यताएं।

धार्मिक ग्रंथों में माना जाता है कि भगवान परशुराम ने ही कांवर यात्रा की शुरुआत की थी। इसीलिए उन्हें प्रथम कांवरिया भी कहा जाता है। इस दौरान परशुराम जी गढ़मुक्तेश्वर धाम से कांवर के माध्यम से पवित्र गंगा जल लाए और उत्तर प्रदेश के बागपत में स्थित 'पुरा महादेव' का अभिषेक किया। इसीलिए कांवर यात्रा करने की परंपरा चली आ रही है। वर्तमान में गढ़मुक्तेश्वर को ब्रजघाट के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की महिमा इतनी अधिक है कि हर साल सावन में लाखों की संख्या में कांवरिये पुरा महादेव मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक करने पहुंचते हैं।

गढ़मुक्तेश्वर धाम, जहां से परशुराम जी कांवर में गंगा जल लाए थे, इस स्थान के बारे में एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है। शिवपुराण में वर्णित कथा के अनुसार एक बार महर्षि दुर्वासा मंदराचल पर्वत पर तपस्या कर रहे थे। तभी भगवान शिव का दल वहां पहुंच गया और महर्षि दुर्वासा का उपहास करने लगा। इससे महर्षि क्रोधित हो गए और उन्होंने गणों को पिशाच बनने का श्राप दे दिया। तब भगवान शिव के दर्शन से शिवगणों को पिशाच लोक से मुक्ति मिल गयी। इसलिए इस मंदिर को 'गढ़मुक्तेश्वर' यानी लोगों को मुक्ति देने वाले भगवान के नाम से जाना जाता है।

सावन 2024:
सावन प्रारम्भ: 22 जुलाई
सावन शिवरात्रि: 2 अगस्त
सावन समाप्त: 19 अगस्त

सावन के त्योहार क्यों, कब, कहाँ और कैसे?
सावन शिवरात्रि 2024
सावन के सोमवार 2024
मंगला गौरी व्रत 2024
काँवड़ यात्रा 2024

शिव मंत्र:
श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र
लिङ्गाष्टकम्
शिव तांडव स्तोत्रम्
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र - सौराष्ट्रे सोमनाथं
द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग स्तोत्रम्
महामृत्युंजय मंत्र, संजीवनी मंत्र
शिवाष्ट्कम्
दारिद्र्य दहन शिवस्तोत्रं
शिव स्वर्णमाला स्तुति
कर्पूरगौरं करुणावतारं
बेलपत्र / बिल्वपत्र चढ़ाने का मंत्र

सावन आरती:
शिव आरती: जय शिव ओंकारा
शिव आरती: ॐ जय गंगाधर
हर महादेव आरती: सत्य, सनातन, सुंदर
शिव स्तुति: आशुतोष शशाँक शेखर
आरती माँ पार्वती
ॐ जय जगदीश हरे आरती

सावन चालीसा:
श्री शिव चालीसा
पार्वती चालीसा
शिव अमृतवाणी

शिव कथा:
सोमवार व्रत कथा
मंगला गौरी व्रत कथा
श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा
श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा
श्री त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा
श्री भीमशंकर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा
हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा
गोपेश्वर महादेव की लीला

शिव नामावली:
श्रीरुद्राष्टकम्
श्री शिवसहस्रनामावली
शिव शतनाम-नामावली स्तोत्रम्!

शिव भजन:
शीश गंग अर्धंग पार्वती
ॐ शंकर शिव भोले उमापति महादेव
इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी
हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ
चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो
बाहुबली से शिव तांडव स्तोत्रम, कौन-है वो
शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
सुबह सुबह ले शिव का नाम
सावन भजन: आई बागों में बहार, झूला झूले राधा प्यारी
शिव भजन

सावन के गीत:
आई बागों में बहार, झूला झूले राधा प्यारी
झूलन चलो हिंडोलना, वृषभान नंदनी
झूला पड्यो है कदम्ब की डार
राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा
सावन की बरसे बदरिया

काँवड़ भजन:
चल काँवरिया, चल काँवरिया
भोले के कांवड़िया मस्त बड़े मत वाले हैं
जिस काँधे कावड़ लाऊँ, मैं आपके लिए
बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी भिखरिया

शिव मंदिर:
द्वादश(12) शिव ज्योतिर्लिंग
दिल्ली के प्रसिद्ध शिव मंदिर
सोमनाथ के प्रमुख सिद्ध मंदिर
भुवनेश्वर के विश्व प्रसिद्ध मंदिर

ब्लॉग:
रुद्राभिषेक क्या है?
सावन सोमवार शुभकामना मैसेज
Who started the tradition of Kanwar Yatra? - Read in English
It is believed in religious texts that Bhagwan Parashuram had started the Kanwar Yatra. That is why he is also called the first Kanwariya.
Blogs Bhagwan Parashuram BlogsShiv BlogsBholenath BlogsMahadev BlogsShivaratri BlogsSavan BlogsMonday BlogsSomvar BlogsKanwar Yatra BlogsSawan Specials Blogs
अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

भाद्रपद 2024

भाद्रपद माह हिन्दु कैलेण्डर में छठवाँ चन्द्र महीना है। जो भाद्र या भाद्रपद या भादो या भाद्रव के नाम से भी जाना जाता है।

राधाष्टमी विशेषांक 2024

राधा अष्टमी देवी राधा रानी को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। यह त्योहार प्रार्थना, उपवास, कीर्तन और भजन के साथ मनाया जाता है।

घटस्थापना 2024

घटस्थापना मंगलवार, बृहस्पतिवार, अक्टूबर 3, 2024 को मनाई जाएगी। यह 9 दिवसीय नवरात्रि उत्सव के दौरान पालन किया जाने वाला एक अनुष्ठान है।

संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी में क्या अंतर है?

शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी जो पूर्णिमा के बाद आती है उसे संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।

बटगणेश मंदिर, पुरी जगन्नाथ मंदिर में गणेश चतुर्थी

जगन्नाथ मंदिर पुरी के बटगणेश मंदिर में हर साल गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।