वैशाख मास पारंपरिक हिंदू कैलेंडर में दूसरा महीना होता है। यह महीना ग्रेगोरियन कैलेंडर में अप्रैल और मई के साथ मेल खाता है।
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में इसे दूसरे महीने के रूप में गिना जाता है। गुजराती कैलेंडर में, यह सातवां महीना है। पंजाबी, बंगाल, असमिया और उड़िया कैलेंडर में वैशाख महीना पहला महीना है।वैशाख माह की विशेषता
वैशाख माह की विशेषता यह है कि मान्यता के अनुसार इस पूरे माह के
अधिपति भगवान विष्णु माने गए हैं और उनकी पूजा की जाती है। तुलसी के पत्तों का उपयोग मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा में किया जाता है। इस मास में भगवान विष्णु और परशुराम की पूजा करने का विधान है। इसके अलावा इस महीने में गीता का पाठ करना लाभकारी होता है। इसी मास में
श्री बांके बिहारी जी के चरण दर्शन भी होते हैं। इसके साथ ही वैशाख के महीने में
गंगा स्नान और गंगा पूजन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। कुल मिलाकर धार्मिक दृष्टि से वैशाख का महीना बहुत खास होता है।
विशाखा नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं और देवता इंद्र हैं। इसी वजह से इस पूरे महीने में स्नान-दान, व्रत और पूजा-पाठ किया जाता है। मान्यता है कि इस महीने में किए गए दान से मिलने वाले पुण्य का कभी अंत नहीं होता है।
इस बार वैशाख मास 24th अप्रैल से शुरू होकर 23rd मई 2024 तक रहेगा, विशाखा नक्षत्र से संबंध होने के कारण इस माह को वैशाख कहा जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस महीने में व्रत और त्यौहार कब और किस दिन पड़ रहे हैं।
वैशाख 2024 व्रत और पर्व
शनिवार 27th April 2024 -
विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत
शनिवार 04th May 2024 -
वरुथिनी एकादशी व्रत
रविवार 05th May 2024 -
प्रदोष व्रत
मंगलवार 07th May 2024 - दर्श अमावस्या, अन्वाधान
बुधवार 08th May 2024 - इष्टि, वैशाख अमावस्या
बृहस्पतिवार 09th May 2024 - चन्द्र दर्शन
शुक्रवार 10th May 2024 - परशुराम जयन्ती,
अक्षय तृतीया
मंगलवार 14th May 2024 -
गंगा सप्तमी, वृषभ संक्रान्ति
बृहस्पतिवार 16th May 2024 -
सीता नवमी
रविवार 19th May 2024 -
मोहिनी एकादशी
सोमवार 20th May 2024 - प्रदोष व्रत
मंगलवार 21st May 2024 -
नरसिंह जयंती
बृहस्पतिवार 23rd May 2024 - कूर्म जयन्ती,
बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख पूर्णिमा, अन्वाधान
वैशाख माह की मंत्र
वैशाखे मेषगे भानौ प्रात: स्नानपरायण:
अर्ध्य तेहं प्रदास्यामि गृहाण मधुसूदन।।
वैशाख माह में बोले जाने वाले अन्य मंत्र:
ऊं नमो भगवते वासुदेवाय
ऊं नमो नारायण