तनखैया जिसका अर्थ है “सिख पंथ में, धर्म-विरोधी कार्य करनेवाला घोषित अपराधी। कोई भी सिख अगर धार्मिक तौर पर कुछ गलत करता है तो उसके लिए व्यवस्था है कि वह नजदीकी सिख संगत के सामने उपस्थित होकर अपनी गलती के लिए माफी मांग ले।
तनखैया: सिख धर्म में धार्मिक बहिष्कार किया जाता है
सिख धर्म के अनुसार तनखैया का मतलब है, जिसको धर्म से निष्कासित कर दिया जाता है। आरोपी अगर सजा का पालन नहीं करता, तो उसका धर्म से बहिष्कार कर दिया जाता है। ऐसे में उसे किसी भी गुरुद्वारे में आने की इजाजत नहीं होती। साथ ही किसी भी पाठ-पूजा में हिस्सा भी नहीं लेने दिया जाता है। इसका मतलब है कि कोई सिख ना तो इससे संपर्क रखे, ना संबंध रखे। न ही इसके यहां शादी जैसे कार्यक्रमों में जाएं और ना ही उसे बुलाएं। यानी पूरी तरह से सामाजिक बहिष्कार। आम भाषा में कहें तो उसका हुक्का-पानी बंद कर दिया जाता है।
तनखैया में क्या है माफी का प्रावधान
धर्म-विरोधी कार्य करनेवाला घोषित अपराधी तब संगत की ओर से पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब की उपस्थिति में उसके कसूर की समीक्षा की जाएगी और फिर उसी के हिसाब से उसके लिए सजा तय की जाएगी। इसके तहत आरोपी को गुरुद्वारों में बर्तन, जूते और फर्श साफ करने जैसी सजाएं सुनाई जाती हैं। साथ ही हर्जाना भी तय किया जाता है। इसके तहत जो सजा दी जाती है, वह मूलरूप से सेवा भाव वाली होती है।
सिख धर्म की मान्यता के तहत सिख संगत का माफी देने को लेकर रुख बहुत कठोर नहीं होता है। ये भी जरूरी है कि आरोपी सजा को लेकर किसी तरह की बहसबाजी न करे। सजा पूरी होने पर वो व्यक्ति तनखैया नहीं रहता है। यानी उसकी धार्मिक और सामाजिक जीवन में वापसी हो जाती है। जब सजा समाप्त होती है तो अरदास के साथ यह प्रक्रिया पूरी की जाती है।