जन्माष्टमी विशेषांक 2024 (Janmashtami Specials)

अर्ध रात्रि को मनाए जाने वाला, ब्रजभूमि अर्थात मथुरा-वृंदावन एवं भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं से जुड़े पवित्र क्षेत्र का सबसे धूम-धाम वाले महोत्सव श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्साह ब्रज क्षेत्र के अलावा सारे देश मे भी देखते ही बनता है। आइए जानें! श्री कृष्ण जन्माष्टमी से जुड़ी कुछ जानकारियाँ, प्रसिद्ध भजन एवं सम्वन्धित अन्य प्रेरक तथ्य..
श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्यों, कब, कहाँ और कैसे?
श्री कृष्ण जन्माष्टमी - Shri Krishna Janmashtami
दही हांड़ी - Dahi Handi

कृष्ण आरती:
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
भोग आरती: आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं आरती
आरती श्री बाल कृष्ण जी की
आरती युगलकिशोर की कीजै
ॐ जय जगदीश हरे आरती

जन्माष्टमी भजन:
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल
राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी
बड़ी देर भई नंदलाला
श्यामा आन बसों वृन्दावन में
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है
काली कमली वाला मेरा यार है
इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी
बाल लीला: राधिका गोरी से बिरज की छोरी से
मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
राधे कृष्ण की ज्योति अलोकिक
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो
कभी राम बनके, कभी श्याम बनके
कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे
कृष्ण भजन

दही हांड़ी भजन:
यगोविंदा आला रे आला
बड़ा नटखट है रे, कृष्ण कन्हैया

जन्माष्टमी बधाई भजन:
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला
नन्द के आनंद भयो
लल्ला की सुन के मै आयी यशोदा मैया देदो
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया
कान्हा वे असां तेरा जन्मदिन मनावणा

श्री कृष्ण नामावली:
मधुराष्टकम्: धरं मधुरं वदनं मधुरं
श्री कृष्णाष्टकम् - आदि शंकराचार्य
श्री कृष्णाष्टकम्

कृष्ण मंत्र:
अच्युतस्याष्टकम्
कमल नेत्र स्तोत्रम्
श्री राधा कृपा कटाक्ष स्त्रोत्र
दामोदर अष्टकम
श्री पंच-तत्व प्रणाम मंत्र
श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्रम्
मदन मोहन अष्टकम
भावयामि गोपालबालं
श्री दशावतार स्तोत्र: प्रलय पयोधि-जले
विष्णु सहस्रनाम

श्री कृष्ण कथा:
गोपेश्वर महादेव की लीला
जगन्नाथ महाप्रभु का महा रहस्य
गजेंद्र और ग्राह मुक्ति कथा
श्री कृष्ण मोर से, तेरा पंख सदैव मेरे शीश पर होगा
भागवत कथा प्रसंग: कुंती ने श्रीकृष्ण से दुख क्यों माँगा?

कृष्ण मंदिर:
भारत के चार धाम
ब्रजभूमि के प्रसिद्ध मंदिर
सप्त मोक्ष पुरी
दिल्ली के प्रसिद्ध श्री कृष्ण मंदिर
द्वारका, गुजरात के विश्व विख्यात मंदिर
दिल्ली के प्रमुख श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर
दिल्ली के प्रसिद्ध ISKCON मंदिर

श्री कृष्ण प्रेरक कथाएँ एवं लीलाएँ:
हे श्री कृष्ण! तुम सर्वज्ञ हो
सूरदास जी की गुरु भक्ति
प्रभु भोग का फल
जब श्री कृष्ण बोले, मुझे कहीं छुपा लो
ठाकुर जी सेवा में अहंकार नहीं विनम्रता रखें
प्रभु भक्त अधीन - कृष्ण और शिकारी, संत की कथा
गोस्वामी तुलसीदास को श्री कृष्ण का राम रूप दर्शन
गोस्वामी तुलसीदास की सूरदास जी से भेंट
महाभारत में कर्ण ने श्रीकृष्ण से पूछा?
सुदर्शन रूप में भक्त की प्रेत से रक्षा
हे कन्हैया! क्या बिगाड़ा था मैंने तुम्हारा
छोटी सी गौरैया का श्रीकृष्ण पर विश्वास
श्री कृष्ण की सभी दुष्टों को एक साथ मारने की तरकीब
कुछ लोग ही कृष्ण की ओर बढ़ते हैं

ब्लॉग:
भगवान श्री विष्णु के दस अवतार
अमेरिका में कैसे मनाई जाती है जन्माष्टमी?
कनाडा में जन्माष्टमी समारोह
ऑस्ट्रेलिया में कैसे मनाई जाती है जन्माष्टमी?
श्रीमद भगवद गीता पढ़ने का वैज्ञानिक कारण क्या है?
दही हांडी महोत्सव

भोग प्रसाद:
पंचामृत बनाने की विधि
मथुरा के पेड़े बनाने की विधि
मखाने की खीर बनाने की विधि
बालभोग बनाने की सरल विधि
Janmashtami Specials - Read in English
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चैत्र नवरात्रि विशेष 2025

हिंदू पंचांग के प्रथम माह चैत्र मे, नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि पर्व में व्रत, जप, पूजा, भंडारे, जागरण आदि में माँ के भक्त बड़े ही उत्साह से भाग लेते है। Navratri Dates 30th March 2025 and ends on 7th April 2025

2025 बसंत विषुव | मार्च विषुव

मार्च विषुव उत्तरी गोलार्ध में बसंत (वसंत) विषुव और दक्षिणी गोलार्ध में शरद विषुव (पतन) विषुव है। उत्तरी गोलार्द्ध में मार्च विषुव को वसंत विषुव कहा जाता है। उत्तरी गोलार्ध में वसंत विषुव लगभग 20 या 21 मार्च को पड़ता है, जब सूर्य उत्तर की ओर जाने वाले खगोलीय भूमध्य रेखा को पार करता है।

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होली विशेष 2025

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