फाल्गुन मास हिंदू पंचांग का अंतिम महीना है, जिसके बाद हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। चैत्र हिंदू पंचांग के बारह महीनों में पहला महीना है, और फागुन आखिरी महीना है।
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास फरवरी या मार्च में आता है।फाल्गुन मास का महत्व
फाल्गुन मास में भगवान शिव और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। क्योंकि इस महीने में भगवान शिव को समर्पित
महाशिवरात्रि और भगवान विष्णु से संबंधित
आमलकी एकादशी मनाई जाती है।
माघ मास की तरह फाल्गुन मास में भी दान का विशेष महत्व है। इस माह में अपने सामर्थ्य के अनुसार शुद्ध घी, सरसों का तेल, मौसमी फल, अनाज, वस्त्र आदि जरूरतमंदों को दान करना चाहिए। ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही पितरों के निमित्त तर्पण करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
फाल्गुन मास उत्सव
फाल्गुन मास का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। क्योंकि महा शिवरात्रि इस महीने में आने वाले भगवान शिव का विशेष दिन है। इसके साथ ही रंगों का त्योहार
होली भी इसी महीने में पड़ता है।
फाल्गुन मास में माता सीता, श्रीकृष्ण, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि इस महीने में इन देवी-देवताओं की पूजा करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि, धन की प्राप्ति होती है।
फाल्गुन मास 2025
इस वर्ष फाल्गुन मास की गणना 13 फरवरी, 2025 - 14 मार्च, 2025 तक है।
फाल्गुन मास 2025 व्रत, पर्व, जयंती और उत्सव
16 फरवरी, रविवार -
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी
24 फरवरी, सोमवार -
विजया एकादशी
25 फरवरी, मंगलवार -
भौम प्रदोष व्रत कथा
26 फरवरी, बुधवार -
महाशिवरात्रि
27 फरवरी, बृहस्पतिवार - दर्श अमावस्या, अन्वाधान, फाल्गुन अमावस्या
1 मार्च, शनिवार -
फुलैरा दूज, चन्द्र दर्शन
10 मार्च, सोमवार -
आमलकी एकादशी
11 मार्च, मंगलवार - प्रदोष व्रत
13 मार्च, बृहस्पतिवार - छोटी होली, होलिका दहन
14 मार्च, शुक्रवार - वसन्त पूर्णिमा,
होली, मीन संक्रान्ति, चन्द्र ग्रहण *पूर्ण, फाल्गुन पूर्णिमा, अन्वाधान