नेत्र उत्सव (Netra Utsav)

नेत्रोत्सव जो की नबजौबन दर्शन के नाम से भी जाना जाता है। रथ यात्रा से एक दिन पहले यह नेत्रोत्सव अनुष्ठान आयोजित किया जाता है।
कैसे मनाया जाता है नेत्र उत्सव
❀ नेत्र उत्सव पर प्रभु जगन्नाथ अपने भक्तों को 14 दिनों के बाद दर्शन देते हैं। इस अवसर पर जगन्नाथ जी के नव यौवन के रूप में दर्शन होते हैं। इसके दूसरे दिन पर भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ यात्रा पर निकल ते हैं।

देवस्नान पूर्णिमा के दिन 108 घड़ा के पानी से स्नान करने के बाद भगवान बीमार पड़जाते हैं. भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा को 14 दिनों ('अनसर घर') के लिए सार्वजनिक दृश्य से दूर रखा जाता है। लोकप्रिय धारणा यह है कि स्नान यात्रा के दौरान अनुष्ठानिक स्नान के बाद, देवताओं को बुखार हो जाता है और इसलिए वे गर्भगृह में दर्शन नहीं देते हैं।

❀ 14 दिनों तक एकांतवास में रहने के बाद पूरी तरह से स्वस्थ होकर नेत्र उत्सव को तीनों विग्रह अपने भक्तों को दर्शन देते हैं।

जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा किसी त्योहारों से कम नहीं होती है। देश-विदेश से लोग इसमें हिस्सा लेने आते हैं।
Netra Utsav - Read in English
Netra Utsav is organized a day before the Rath Yatra.
Blogs Netra Utsav BlogsNabjouban Darshan BlogsSnana Yatra BlogsDevasnana Purnima BlogsSnana Purnima BlogsGajanan Besh BlogsNiladri Bije BlogsPuri Rath Yatra Festival BlogsGundicha Yatra BlogsJagannath Rath BlogsChariot Festival BlogsRath Yatra Dates BlogsHera Panchami BlogsSuna Besh Blogs
अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नर्मदा परिक्रमा यात्रा

हिंदू पुराणों में नर्मदा परिक्रमा यात्रा का बहुत महत्व है। मा नर्मदा, जिसे रीवा नदी के नाम से भी जाना जाता है, पश्चिम की ओर बहने वाली सबसे लंबी नदी है। यह अमरकंटक से निकलती है, फिर ओंकारेश्वर से गुजरती हुई गुजरात में प्रवेश करती है और खंभात की खाड़ी में मिल जाती है।

The Importance of Number of beads in Rudraksha mala: Why Are 108, 54, 27 Auspicious

For years and years now, numbers have carried spiritual, cultural, and mystical significance across civilizations.

कुंभ मेला 2025 जानकारी

घाट से नाव द्वारा संगम पहुँचने का निर्धारित किराया (₹) | महाकुंभ 2025: 7 करोड़ से अधिक 'रुद्राक्ष' से बनाए गए 12 ज्योतिर्लिंग

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम मे मंदिरों का योगदान - ब्लॉग

सनातन परंपरा के मुख्य केंद्र मंदिर, इस अभूतपूर्व घटना का साक्षी बनाने से अपने को कैसे रोक पता? आइए जानते हैं किस-किस मंदिर का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान रहा।

महाकुंभ में प्रसिद्ध अखाड़े

महाकुंभ की शान हैं अखाड़े। महाकुंभ में अखाड़े केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। तपस्वियों, संतों और आध्यात्मिक अभ्यासकर्ताओं से बने ये समूह भारत की आध्यात्मिक परंपराओं में गहराई से निहित हैं।