नवपत्रिका पूजा नवरात्रि 2021 (Navapatrika Puja in Navratri 2021)

नवरात्रि के सातवें दिन नवपत्रिका पूजन का विधान है। महासप्तमी की शुरुआत नवपत्रिका की पूजा से की जाती है। 12 अक्टूबर, 2021 को सप्तमी तिथि है इसी दिन नवपत्रिका पूजा मनाई जाएगी। नवपत्रिका को भगवान गणेश की पत्नी माना जाता है और उनकी भी पूजा की जाती है।
नवपत्रिका पूजा की विधि:
नवपत्रिका पूजा में नौ पौधों के पत्ते हल्दी, जौ, बेल के पत्ते, अनार, अशोक, अरुम, केला, कच्छवी और धान के पत्तों को मिलाकर बनाए गए गुच्छे की पूजा की जाती है। इन नौ पत्तों को मां दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक माना जाता है। इन नौ पत्तों को सूर्योदय से पहले पवित्र जल में स्नान कराया जाता है जिसे महास्नान कहा जाता है। इसके बाद पूजा पंडाल में नवपत्रिका रखी जाती है। इस पूजा को पश्चिम बंगाल में कल्लाबोऊ पूजा भी कहा जाता है।

अनुष्ठान के दौरान इन नौ पत्तों को मां दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक माना जाता है। केले के पत्तों को ब्राह्मणी का प्रतीक माना जाता है, जबकि अरवी के पत्तों को मां काली का प्रतीक माना जाता है। इसी प्रकार हल्दी के पत्ते देवी दुर्गा, जौ देवी कार्तिकी के पत्ते, देवी रक्तदंतिका के लिए अनार के पत्ते, देवी सोकरहित के लिए अशोक के पत्ते, अरुम का पौधा मां चामुंडा का प्रतीक है और धान की पत्तियों को देवी लक्ष्मी के प्रतीक के रूप में। नवपत्रिका में प्रयुक्त बेल पत्र भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है।

नवपत्रिका पूजा महत्व:
माना जाता है कि नवरात्री में नवपत्रिका की पूजा करने से अच्छी उपज मिलती है। इसलिए किसान नवपत्रिका की पूजा करते हैं।
Navapatrika Puja in Navratri 2021 - Read in English
On 12th October 2021 is Saptami Tithi, Navpatrika Puja will be celebrated on this day.
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