ISKCON (ISKCON)

ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद द्वारा स्थापित इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) के अनुयाई गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय से सम्वन्धित माने जाते हैं। इस संप्रदाय के भक्त भगवान श्री कृष्ण को अपना आराध्य मानते हैं। इनके द्वारा गाये जाने वाले भजन, मंत्र एवं गीतों का कुछ संग्रह यहाँ सूचीबद्ध किया गया है, सभी सनातनी परम्परा के भक्त इसका आनंद लें।
भक्ति-भारत की टीम दिल्ली मे स्थापित लगभग सभी इस्कॉन मंदिरों मे दर्शन हेतु पहुँची है, तथा इन सभी मंदिरों का सरल भाषा में वर्णन करने का प्रयास किया है।
न्यूज़ - News:
ISKCON Live Darshan: श्रील गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज गोलोक गमन

ISKCON त्यौहार, उत्सव:
ISKCON एकादशी कैलेंडर
एकादशी
वराह द्वादशी
नित्यानन्द त्रयोदशी
चैतन्य महाप्रभु जयंती
राम नवमी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
प्रभुपाद आविर्भाव दिवस
हल षष्ठी
जगन्नाथ रथ यात्रा
गोपाष्टमी
नृसिंह जयंती
राधाष्टमी

ISKCON भजन:
नृसिंह आरती
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं
कृष्ण जिनका नाम है
यशोमती नन्दन बृजबर नागर
जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन
श्री राधिका स्तव
श्री कृष्ण भजन
श्री राम भजन

ISKCON मंत्र:
मधुराष्टकम्: अधरं मधुरं वदनं मधुरं
श्रील प्रभुपाद प्रणति
श्री पंच-तत्व प्रणाम मंत्र
श्री श्रीगुर्वष्टक
श्री दशावतार स्तोत्र: प्रलय पयोधि-जले
दामोदर अष्टकम
श्री नृसिंह मंत्र

ISKCON मंदिर:
इस्कॉन वृंदावन
इस्कॉन मंदिर दिल्ली
दिल्ली के प्रसिद्ध ISKCON मंदिर

भक्तमाल:
चैतन्य महाप्रभु | प्रभुपाद | भक्तिसिद्धांत सरस्वती | भक्ति चारु स्वामी | गोपाल कृष्ण गोस्वामी | गौर गोपाल दास
ISKCON - Read in English
ome collection of hymns, mantras and songs sung by them is listed here, all the devotees of the Sanatani tradition enjoy it.
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पौष मास 2024

पौष मास, यह हिंदू महीना मार्गशीर्ष मास के बाद आता है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार 10वां महीना है।

अधूरा पुण्य

दिनभर पूजा की भोग, फूल, चुनरी, आदि सामिग्री चढ़ाई - पुण्य; पूजा के बाद, गन्दिगी के लिए समान पेड़/नदी के पास फेंक दिया - अधूरा पुण्य

तुलाभारम क्या है, तुलाभारम कैसे करें?

तुलाभारम और तुलाभरा जिसे तुला-दान के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन हिंदू प्रथा है यह एक प्राचीन अनुष्ठान है। तुलाभारम द्वापर युग से प्रचलित है। तुलाभारम का अर्थ है कि एक व्यक्ति को तराजू के एक हिस्से पर बैठाया जाता है और व्यक्ति की क्षमता के अनुसार बराबर मात्रा में चावल, तेल, सोना या चांदी या अनाज, फूल, गुड़ आदि तौला जाता है और भगवान को चढ़ाया जाता है।

महा शिवरात्रि विशेष 2025

बुधवार, 26 फरवरी 2025 को संपूर्ण भारत मे महा शिवरात्रि का उत्सव बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाएगा। महा शिवरात्रि क्यों, कब, कहाँ और कैसे? | आरती: | चालीसा | मंत्र | नामावली | कथा | मंदिर | भजन

नया हनुमान मन्दिर का प्राचीन इतिहास

नया हनुमान मन्दिर को उन्नीसवीं शती के आरम्भ में सुगन्धित द्रव्य केसर विक्रेता लाला जटमल द्वारा 1783 में बनवाया गया।