हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति में गंगा नदी को सबसे पवित्र नदी माना जाता है। गंगा को पापनाश्नी और मोक्षदायिनी भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि गंगा में स्नान करने मात्र से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है, जो ऋषि वर्षों की तपस्या से अर्जित करते हैं। इस बार गंगा दशहरा 20 जून, रविवार को पड़ रहा है।
पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, गंगा नदी ब्रह्मा के कमंडल में निवास करती है, भगवान विष्णु के चरणों से निकलती है और भगवान शिव के जट्टा के माध्यम से पृथ्वी पर अवतरित होती है। गंगा जी के इस अवतार दिवस को
गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है।
शुभ मुहूर्त
गंगा दशहरा ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 20 जून रविवार को पड़ रही है। शुभ मुहूर्त 19 जून को शाम 6.50 बजे से शुरू होकर 20 जून, शाम 4:25 बजे समाप्त होगी। लेकिन उदय तिथि होने के कारण 20 जून को गंगा दशहरा मनाया जाएगा।
गंगा दशहरा का महत्व
धार्मिक विद्वानों के अनुसार जिस दिन गंगा मां का अवतरण हुआ था उस दिन एक साथ दस शुभ योग बने थे। ऐसा माना जाता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान करने वाला व्यक्ति दस प्रकार के पापों से मुक्त हो जाता है। गंगा दशहरा के दिन स्नान के बाद जितना हो सके दान पुण्य करना चाहिए, तभी गंगा स्नान पूर्ण माना जाता है।
इस शुभ दिन पर लोग कीमती सामान, नए वाहन खरीद सकते हैं, नया घर खरीद सकते हैं या प्रवेश कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा स्तोत्र का पाठ करने वाले भक्तों को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।