डिजिटल बाबा स्वामी राम शंकर क्षेत्र में सबसे प्रसिद्ध नर्मदा परिक्रमा कर रहे हैं। नर्मदा परिक्रमा के दौरान इस कार्य से जुड़े लोगों के बीच जाकर डिजिटल बाबा सोशल मीडिया के जरिए अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
देवउठनी एकादशी पर गोमुख घाट पर विधिवत पूजन, कन्या भोज के बाद डिजिटल बाबा ने ओंकारेश्वर से नर्मदा परिक्रमा की शुरुआत की।
कौन हैं डिजिटल बाबा?
प्रसिद्ध डिजिटल बाबा एक युवा संन्यासी हैं जिनका वास्तविक नाम स्वामी राम शंकर है। जो सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को आध्यात्मिक भारतीय संस्कृति से अवगत कराते रहते हैं। वह युवाओं को जीवन में अध्यात्म का महत्व समझाते रहते हैं।
डिजिटल बाबा का जन्म 1 नवंबर 1987 को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के खजूरी भट्ट गांव में हुआ था। वर्ष 2008 में लोमश ऋषि आश्रम, अयोध्या के महंत स्वामी शिवचरण दास महाराज से दीक्षा प्राप्त कर उन्होंने अपना जीवन वैरागी परम्परा के भक्ति मार्ग को समर्पित कर दिया। आठ वर्षों में उन्होंने वेद, उपनिषद, रामायण, भगवद गीता, योगशास्त्र और संगीत का गहन अध्ययन किया। छात्र जीवन में स्वामीजी फिल्म अभिनेता बनना चाहते थे परन्तु अंत में आध्यात्मिक पथ में अग्रसर हुए।
किस डिजिटल प्लेटफॉर्म में स्वामी जी प्रसिद्ध हैं:
डिजिटल बाबा के फेसबुक पेज पर देश-दुनिया के डेढ़ लाख लोग डिजिटल बाबा को फॉलो करते हैं। डिजिटल बाबा ने कहा कि मां नर्मदा की परिक्रमा मेरे जीवन के बेहद निजी अनुभव की बात है। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच इसे दर्शाने का उद्देश्य परिक्रमा के महत्व को समाज की युवा पीढ़ी तक पहुंचाना है। ताकि अधिक से अधिक संख्या में युवा प्रेरित होकर
नर्मदा परिक्रमा में भाग लें।
नर्मदा यात्रा के बारे में क्या कहते हैं डिजिटल बाबा:
परिक्रमा के माध्यम से साधक के भीतर भगवान की कृपा के प्रति भक्ति बढ़ती है। साथ ही समाज की भौतिक स्थिति, सांस्कृतिक स्थिति और जीवन दर्शन के अनुभव दृष्टिगोचर होते हैं। यह किसी अन्य माध्यम से कदापि संभव नहीं है। जब हम विपरीत परिस्थितियों में जीवन जीने का अभ्यास करते हैं। जो युवाओं को अंतर्मुखता प्रदान करेगा। सांसारिक उन्नति के साथ-साथ युवा पीढ़ी आत्मकल्याण के प्रति जागरूक होगी।
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