updated Apr 04, 2024, 06:32 AM | 👤 Ekata Samantaray
वर्ष में चार नवरात्रि होती हैं, जिनमे से दो नवरात्रि आम जन में बहुत प्रसिद्ध होती हैं। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ होने वाली नवरात्रि को
चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। तथा सर्दियों मे पड़ने वाले कार्तिक मास आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 9th April 2024 दिन से आरंभ होकर, 17th April 2024 तक समापन होगी।
चैत्र नवरात्रि विशेष 2024: आरती | भजन | मंत्र | नामवली | कथा | मंदिर | भोग प्रसादकलश स्थापना कब और कैसे करें?
घटस्थापना मुहूर्त - 06:02 AM से 10:16 AM
अवधि - 04 घण्टे 14 मिनट्स
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त - 11:57 AM से 12:48 PM
अवधि - 00 घण्टे 51 मिनट्स
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ विभिन्न स्वरूपों की आराधना की जाती है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही नवसंवत् यानि हिंदू नववर्ष का आरंभ भी होता है। भक्त इन नौं दिनों में मां को रिझाने के लिए विधि विधान से पूजा करते हैं। पूजा में बीज मंत्रों का विशेष महत्व बताया गया है। आप भी नवरात्रि में मां की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। जानिए मां आदिशक्ति के नौं स्वरूप।
कलश स्थापना विधि
● गीली धरती में चिकनी मिट्टी में सात प्रकार के अनाज बोये जाते हैं
● कलश को मिट्टी के बर्तन पर रखा जाता है
● कलश के गले में लाल धागे का एक टुकड़ा बांधकर उसमें जल भर दिया जाता है।
● कलश में आम के पत्तों के साथ सुपारी, फूल, दुर्बा और सिक्का डाला जाता है।
● कलश में आम के पत्तों पर नारियल रखा जाता है।
● देवी दुर्गा के स्वागत की तैयारियां अब पूरी हो चुकी हैं
● पूरे चैत्र नवरात्रि काल में कलश की पूजा की जाती है और नौ दिनों के बाद इसे हटा दिया जाता है और जलाशय में विसर्जित कर दिया जाता है।
शुभ चैत्र नवरात्रि 2024!
नवरात्रि 2024 की तारीखें Navratri 2024 Dates |
दिन |
तिथि |
नवरात्रि में देवी के नाम |
9 अप्रैल |
प्रतिपदा |
माता शैलपुत्री पूजा, नवरात्रि घटस्थापना, नववर्ष, चेटी चंड |
10 अप्रैल |
द्वितीया |
माता ब्रह्मचारिणी पूजा |
11 अप्रैल |
तृतीया |
माता चंद्रघंटा पूजा, मत्स्य जयन्ती, गणगौर |
12 अप्रैल |
चतुर्थी |
माता कुष्मांडा पूजा, लक्ष्मी पंचमी |
13 अप्रैल |
पंचमी |
माता स्कंद माता पूजा |
14 अप्रैल |
षष्ठी |
माता कात्यायनी पूजा |
15 अप्रैल |
सप्तमी |
माता कालरात्रि पूजा |
16 अप्रैल |
अष्टमी |
महा गौरी पूजा |
17 अप्रैल |
नवमी |
राम नवमी, माता सिद्धिदात्री पूजा, स्वामीनारायण जयंती |
18 अप्रैल |
दशमी |
नवरात्रि व्रत समाप्त। |
Chaitra month, Navaratri starting from Pratipada of Shukla Paksha is called Chaitra Navaratri. मां दुर्गा के नौ रूप
❀ नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के बाद मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा अर्चना कि जाती है।
❀ नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने का विधान है।
❀ नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे रूप देवी चंद्रघंटा की पूजा आराधना की जाती है।
❀ नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप कूष्मांडा माता की पूजा-अर्चना की जाती है।
❀ नवरात्रि के पांचवे दिन मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा और अर्चना की जाती है।
❀ नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा करने का विधान है।
❀ नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा करने का विधान है।
❀ नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है।
❀ नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप सिद्धदात्री माता की पूजा और अर्चना का विधान है।
नवरात्रि तथा सभी नौ देवियों के बारे मे विस्तार से जाने!
कलश स्थापन या घटस्थापना कब और कैसे करें?
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 22 मार्च 2023, सुबह 6:29 से सुबह 7:39 तक है।
कलश स्थापन विधि
● मिट्टी के बर्तन में गीली धरती में सात प्रकार के अनाज बोए जाते हैं।
● कलश को मिट्टी के पात्र पर रखा जाता है।
● लाल धागे का एक टुकड़ा कलश के गले में बांधा जाता है और पानी से भरा होता है।
● आम की पत्तियों के साथ कलश में सुपारी, फूल, दुर्बा और सिक्का डाला जाता है।
● कलश में आम के पत्तों पर एक नारियल रखा जाता है।
● देवी दुर्गा के स्वागत के लिए अब तैयारियां पूरी हैं।
● पूरे चैत्र नवरात्रि काल में कलश की पूजा की जाती है और इसे नौ दिनों के बाद हटा दिया जाता है और एक जल निकाय में विसर्जित कर दिया जाता है।
शुभ चैत्र नवरात्रि 2023! Blogs Navratri BlogsChaitra Navratri BlogsMaa Durga BlogsDevi Maa BlogsNavratri 2023 Blogs
अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक:
यहाँ साझा करें।