चैत्र मास 2025 (Chaitra Maas 2025)

चैत्र मास, हिंदू कैलेंडर का पहला महीना, जो हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। हिन्दू वर्ष का प्रथम मास होने के कारण चैत्र का विशेष महत्व है। चैत्र मास की पूर्णिमा चित्रा नक्षत्र में है, इसलिए इस मास का नाम चैत्र है। चैत्र का महीना मार्च या अप्रैल में आता है।
तमिलनाडु में इसे चिथिरई के नाम से जाना जाता है, सिंधी में यह चेत है और चेटी चांद (झूलेलाल का जन्म) के उत्सव द्वारा चिह्नित है।

चैत्र मास का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी माह की प्रतिपदा को भगवान विष्णु के दशावतारों के प्रथम अवतार मत्स्यावतार ने अवतार लेकर जलप्रलय से घिरे मनु को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, जहां से प्रलय के बाद नई सृष्टि का प्रारंभ हुआ। मान्यता है कि चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से सृष्टि के रचयिता ब्रह्म देव ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी। वहीं सतयुग की शुरुआत भी चैत्र मास से हुयी थी।

चैत्र मास पर्व
हिंदू धर्म में चैत्र मास का विशेष महत्व है। क्योंकि होली, भाई दूज, युगादी, गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि, रामनवमी, हनुमान जयंती, गणगौर इसी महीने में आते हैं। चैत्र मास के प्रथम दिन सभी को नव वर्ष की बधाई दें फिर इस महीने की शुरुआत से चार महीने तक जल दान करें।

चैत्र मास 2025
इस वर्ष चैत्र मास की गणना 15 मार्च 2025 से 12 अप्रैल 2025 तक है।

चैत्र मास 2025 व्रत, त्यौहार, जयंती और समारोह
15th मार्च, शनिवार 2025 - इष्टि
16th मार्च, रविवार 2025 - भाई दूज, भ्रातृ द्वितीया
17th मार्च सोमवार 2025 - भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी, छत्रपति शिवाजी महाराज जयन्ती
19th मार्च, बुधवार 2025 - रंग पञ्चमी
21st मार्च, शुक्रवार 2025 - शीतला सप्तमी
22nd मार्च, शनिवार 2025 - शीतला अष्टमी, बसोड़ा, कालाष्टमी
23rd मार्च, रविवार 2025 - शहीद दिवस
25th मार्च, मंगलवार 2025 - पापमोचिनी एकादशी
26th मार्च, बुधवार 2025 - प्रदोष व्रत, वैष्णव पापमोचिनी एकादशी
27th मार्च, बृहस्पतिवार 2025 - मासिक शिवरात्रि
29th मार्च, शनिवार 2025 - सूर्य ग्रहण *आंशिक, चैत्र अमावस्या, दर्श अमावस्या, अन्वाधान
30th मार्च, रविवार 2025 - युगादी, गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि, चन्द्र दर्शन, इष्टि, झूलेलाल जयन्ती
31st मार्च, सोमवार 2025 - मत्स्य जयंती, गौरी पूजा, गणगौर, स्वायम्भुव मन्वादि
1st अप्रैल, मंगलवार 2025 - विनायक चतुर्थी
2nd अप्रैल, बुधवार 2025 - लक्ष्मी पञ्चमी
3rd अप्रैल, बृहस्पतिवार 2025 - यमुना छठ, रोहिणी व्रत, स्कन्द षष्ठी
6th अप्रैल, रविवार 2025 - रामनवमी, स्वामीनारायण जयंती, महातारा जयन्ती
8th अप्रैल, मंगलवार 2025 - कामदा एकादशी
9th अप्रैल, बुधवार 2025 - वामन द्वादशी
10th अप्रैल, बृहस्पतिवार 2025 - महावीर स्वामी जयन्ती, प्रदोष व्रत
11th अप्रैल, शुक्रवार 2025 - पंगुनी उथिरम
12th अप्रैल, शनिवार 2025 - हनुमान जयंती, हनुमान जन्मोत्सव, चैत्र पूर्णिमा, अन्वाधान
Chaitra Maas 2025 - Read in English
Chaitra maas, the first month of the Hindu calendar, which marks the beginning of the Hindu New Year. Being the first month of the Hindu year, Chaitra has great importance. The full moon of Chaitra month is in Chitra Nakshatra, hence the name of the month is Chaitra. The month of Chaitra falls in March or April.
Blogs Chaitra Maas BlogsMaas BlogsHindu Pavitra Maas BlogsBhai Dooj BlogsYugadi BlogsGudi Padwa BlogsChaitra Navratri BlogsRam Navami BlogsHanuman Jayanti BlogsGangaur Blogs
अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

पौष मास 2024

पौष मास, यह हिंदू महीना मार्गशीर्ष मास के बाद आता है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार 10वां महीना है।

अधूरा पुण्य

दिनभर पूजा की भोग, फूल, चुनरी, आदि सामिग्री चढ़ाई - पुण्य; पूजा के बाद, गन्दिगी के लिए समान पेड़/नदी के पास फेंक दिया - अधूरा पुण्य

तुलाभारम क्या है, तुलाभारम कैसे करें?

तुलाभारम और तुलाभरा जिसे तुला-दान के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन हिंदू प्रथा है यह एक प्राचीन अनुष्ठान है। तुलाभारम द्वापर युग से प्रचलित है। तुलाभारम का अर्थ है कि एक व्यक्ति को तराजू के एक हिस्से पर बैठाया जाता है और व्यक्ति की क्षमता के अनुसार बराबर मात्रा में चावल, तेल, सोना या चांदी या अनाज, फूल, गुड़ आदि तौला जाता है और भगवान को चढ़ाया जाता है।

महा शिवरात्रि विशेष 2025

बुधवार, 26 फरवरी 2025 को संपूर्ण भारत मे महा शिवरात्रि का उत्सव बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाएगा। महा शिवरात्रि क्यों, कब, कहाँ और कैसे? | आरती: | चालीसा | मंत्र | नामावली | कथा | मंदिर | भजन

नया हनुमान मन्दिर का प्राचीन इतिहास

नया हनुमान मन्दिर को उन्नीसवीं शती के आरम्भ में सुगन्धित द्रव्य केसर विक्रेता लाला जटमल द्वारा 1783 में बनवाया गया।