बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा भी कहा जाता है। यह गौतम बुद्ध की जयंती है और उनका निर्वाण प्राप्ति दिवस भी है। इसी दिन भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। आज विश्व में बौद्ध धर्म को मानने वाले 50 करोड़ से अधिक लोग इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। बुद्ध हिंदू धर्म के लिए विष्णु के नौवें अवतार हैं। इसलिए इस दिन को हिंदुओं के लिए भी पवित्र माना जाता है।
बिहार में बोधगया नामक स्थान हिंदुओं और बौद्धों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थान है। यहां भगवान बुद्ध ने कठोर तपस्या की और अंत में वैशाख पूर्णिमा के दिन बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। तभी से इस दिन को
बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे बड़ा त्योहार है। विभिन्न देशों में, देश के रीति-रिवाजों और संस्कृति के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा समारोह आयोजित किए जाते हैं।
शुभ मुहूर्त
बुद्ध पूर्णिमा 16 मई 2022 को मनाई जायेगी
वैशाख पूर्णिमा शुभ मुहूर्त की शुरुआत - 15 मई 2022 (12:45 PM से)
वैशाख पूर्णिमा शुभ मुहूर्त की समाप्ति - 16 मई 2022 ( 09:45 PM तक)
हिंदू धर्म के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है बुद्ध पूर्णिमा:
हिंदू शास्त्रों में वर्णित है कि इस दिन भगवान बुद्ध ने अवतार लिया था, जो
भगवान विष्णु के नौवें अवतार है। इसलिए बुद्ध पूर्णिमा न केवल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बल्कि हिंदू धर्म को मानने वालों के लिए भी महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि इस दिन दान करने से बहुत लाभ होता है।
हिंदू धर्म के अनुयायी इस दिन पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान करते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों के घरों में रोशनी की जाती है और घर को फूलों से सजाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन धार्मिक कार्य करने से विशेष लाभ मिलता है।