भगवान जगन्नाथ नवमी दर्शन (Bhagwan Jagannath Navami Darshan)

भगवान जगन्नाथ नवमी दर्शन हिंदू धर्म में विशेष रूप से भगवान जगन्नाथ भक्तों के लिए एक शुभ दिन है। इस दिन को संध्या दर्शन या नवमी दर्शन या अदप मंडप दर्शन के नाम से भी जाना जाता है। एक शुभ अवसर जब भक्त देवताओं के दर्शन करते हैं और देवताओं की पूजा करते हैं।
भगवान जगन्नाथ नवमी दर्शन का पर्व कब मनाया जाता है:
शुभ नवमी दर्शन जगन्नाथ की रथ यात्रा के नवमी तिथि के दिन होता है। गुंडिचा मंदिर में भक्त भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के दर्शन करते हैं। इस दिन भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से भक्तों को गरुड़ पुराण के अनुसार मोक्ष की प्राप्ति होती है।

रथ यात्रा से लेकर नीलाद्री बिजे तक हर रोज गुंडिचा मंदिर में भगवान जगन्नाथ के लिए कुछ रस्में होती हैं। रथ यात्रा के 5वें दिन हेरा पंचमी मनाई गई तो रथ यात्रा के नवमी तिथि के दिन नवमी दर्शन होती है। शास्त्रों के अनुसार जगन्नाथ रथ यात्रा के जगन्नाथ रथ की यह परंपरा बहुत पुरानी और प्रमुख है। ऐसा माना जाता है कि एक दिन भगवान जगन्नाथ की छोटी बहन देवी सुभद्रा ने शहर का चक्कर लगाने की इच्छा व्यक्त की और तभी से यह जुलूस शुरू हुआ। इस त्योहार के दौरान, भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र और उनकी बहन देवी सुभद्रा के तीन रथों के जुलूस को जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है और मौसी मां मंदिर में रुकता है, जहां उन्हें उनके पसंदीदा भोजन चढ़ाया जाता है।

भगवान जगन्नाथ नवमी दर्शन का स्थान:
पुरी, उड़ीसा के गुंडिचा मंदिर में संध्या दर्शन होता है और दर्शन शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक होता है। ओडिया कैलेंडर के आषाढ़ माह में 'नवमी तिथि' पर संध्या दर्शन के रूप में त्रिदेव की एक झलक के लिए भक्त मंदिर के बाहर लंबी कतारों में कई घंटों तक इंतजार करते हैं। दर्शन के बाद, भक्त 'महाप्रसाद' सेवन करते हैं।

इस नवमी दर्शन के लिए ओडिशा सरकार द्वारा हर साल एक बहुत ही विशेष व्यवस्था की जाती है क्योंकि भगवान जगन्नाथ नवमी के दर्शन के लिए दुनिया भर से भक्त इकट्ठा होते हैं।

जय जगन्नाथ!
Bhagwan Jagannath Navami Darshan - Read in English
Bhagwan Jagannath Navami Darshan is an auspicious day in Hinduism especially for Bhagwan Jagannath devotees. This day is also known as Sandhya Darshan or Navami Darshan or Adap Mandap Darshan. An auspicious occasion when devotees visit the deities and worship the deities.
Blogs Navami Darshan BlogsPanchami BlogsRath Yatra BlogsGundicha Yatra BlogsJagannath Rath BlogsChariot Festival BlogsRath Yatra Dates BlogsNetrautsav BlogsNetotsav BlogsHera Panchami BlogsSuna Besh BlogsNiladri Bije Blogs
अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

चैत्र मास 2025

चैत्र मास, हिंदू कैलेंडर का पहला महीना, जो हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। हिन्दू वर्ष का प्रथम मास होने के कारण चैत्र का विशेष महत्व है। चैत्र मास की पूर्णिमा चित्रा नक्षत्र में है, इसलिए इस मास का नाम चैत्र है। चैत्र का महीना मार्च या अप्रैल में आता है।

आंवला नवमी पर राधा पद दर्शन

आंवला नवमी या अनला नवमी के शुभ अवसर पर, हजारों भक्त प्रसिद्ध राधा पद दर्शन अनुष्ठान के लिए सखीगोपाल मंदिर, पुरी, ओडिशा में भगवान श्री कृष्ण के प्रसिद्ध गोपीनाथ मंदिर जाते हैं।

दीवाली विशेष 2024

दीवाली/दीपावली क्यों, कब, कहाँ और कैसे? आरती माँ लक्ष्मीजी, भगवान श्री कुबेर जी की आरती, आरती श्री गणेश जी, आरती श्री रामचन्द्र जी की कीजै, श्री गोवर्धन महाराज आरती

कार्तिक मास 2024

कार्तिक मास हिंदू कैलेंडर का आठवां महीना है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अक्टूबर और नवंबर में आता है। भारत के राष्ट्रीय नागरिक कैलेंडर में, कार्तिक वर्ष का आठवां महीना है।

पवित्र कार्तिक मास में क्या करें?

कार्तिक मास (माह) हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र महीना है, इस महीने की अधिष्ठात्री देवी श्रीमती राधारानी हैं। इस वर्ष 2023 कार्तिक मास 29 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 27 नवंबर को समाप्त होगा।