बनाने की विधि:
सर्व प्रथम, चावलों को अच्छी तरह धो कर आधा घण्टे के लिए भिगोने रख देते हैं।
ताजा गन्ने के रस को मलमल के कपड़े (मसलन क्लॉथ ) की सहायता से एक भारी-तली वाले बर्तन (पतीले) में छान लेते हैं। और मध्यम आंच पर गरम करने के लिए रख देते हैं। जब गन्ने का रस गरम होना सुरू होगा तब उसके ऊपर मैल/गंदगी/लधोई की एक परत बन जाएगी। जिसको चमचे की सहायता से हटा देते हैं। जब गन्ने के रस में अच्छी तरह उबाल आ जाए तब आंच को धीमा कर इसमें भीगे हुए चावल डाल देते हैं।
और फिर चमचे की सहायता से दो-तीन मिनट के अंतराल से रस खीर को चलाते रहते हैं, लगभग बीस से पच्चीस के बाद जब चावल पक जाएँ तब उसमें कटे हुए मेवे( काजू , बादाम आदि इच्छानुसार) डाल देते हैं। अब लगातर चलाते हुए दस-पन्द्रह मिनट तक खीर को और पकने देते हैं. जब चावल अच्छे से रस में मिल/घुट जाएं तब इसमें इलाइची पाउडर मिला देते हैं और गैस को बन्द कर खीर को ठंडा होने देते हैं। इस प्रकार भोग के लिए रस खीर बन कर तैयार हो जाती है।
आवश्यक सामग्री:
गन्ने का ताजा रस, चावल, दूध
मेवा: काजू, बादाम, पिस्ता, इलाइची
संबंधित अन्य नाम:
गन्ने की रस खीर, गन्ने की खीर
दूध वाली रस खीर:
भारत के कुछ जगहों पर, रस खीर को दूध के साथ मिलाकर भी बनाया जाता है। अतः रस-खीर बन जाने के बाद, एक बर्तन में दूध को मध्यम आंच पर उबाल लेते हैं, तथा ठंडी रस खीर में मिला देते हैं। जब रस खीर ठंडी हो जाए तभी दूध को उसमे डालें। अन्यथा, गरम रस खीर में दूध डालने पर दूध के फटजाने की संभावना रहती है।