आवश्यक सामग्री:
गाजर: १ किलो
दूध: १ गिलास (फुल क्रीम)
खोया (मावा): २०० ग्राम
चीनी: २०० ग्राम
घी: ५ बड़े चम्मच
काजू: १० से १२ कटे हुए
बादाम: १० से १२ कटे हुए
गरी गोला: १/५ कप कसा हुआ
अन्य मेवे: इच्छा अनुसार
इलायची: ५ (पीसी हुई)
बनाने की विधि:
सबसे पहले गाजरों को अच्छी तरह धोकर, पोंछकर, छीलकर, कद्दूकस कर लेते हैं। अब एक कढ़ाई में 3 बड़े चम्मच घी डालकर कद्दूकस की हुई गाजर को डालकर कलछी की सहायता से लगातार चलाते हुए दो-तीन मिनट तक भून लेते हैं।
अब इसमें दूध डालकर 15 से 20 मिनट तक पकने देते हैं। एवं बीच-बीच में कलछी की सहायता से चलाते रहते हैं। जब कसी हुई गाजर नरम हो जाए और दूध सूख जाए। तो इसमें चीनी डाल देते हैं। और 10 से 15 मिनट के बाद चीनी घुल जाए एवं हलवा में पानी सूख जाए तब आंच को धीमा कर लेते हैं। और इसमें बचा हुआ घी डालकर अच्छी तरह मिला देते हैं। जब हलवा कढ़ाई के किनारे छोड़ने लगे, तब इसमें कटे हुए मेवे व खोया को डालकर अच्छी तरह मिला देते हैं। जब खोया हलवा में अच्छी तरह मिल जाए। तब गैस को बंद कर देते हैं। और इसमें इलायची पाउडर डालकर किसी अन्य बर्तन में निकाल लेते हैं। इस प्रकार गाजर का हलवा बनकर तैयार हो जाता है।
* कटे हुए मेवे में से कुछ मेवे हलवा को सजाने के लिए बचा लेते हैं।
धार्मिक महत्ता:
सर्दियों में गाजर प्रचुर मात्रा में पाई जाती है, अतः सर्दियों में आने वाले त्यौहार, व्रत एवं भोग में इसका प्रयोग किया जाता है।
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