बनाने की विधि:
सबसे पहले चावलों को अच्छी तरह धो लेते हैं। इसके बाद चावलों को साफ पानी में डालकर तीन दिन तक भीगने देते हैं। पर इन चावलों का पानी रोजाना बदलते रहते हैं। तीन दिन के बाद भींगे चावलों को पानी से निकाल लेते हैं, और १० से १५ मिनट एक सूती कपड़े पर फैला कर फरहरे** कर लेते हैं। फरहरे किए गए चावलों को मिक्सी में डाल कर महीन होने तक पीस लेते है। और बारीक छलनी से छान लेते हैं।
अब एक अन्य फैले बर्तन अर्थात परात में छने हुए चावल के आटे व बूरे को एक दूसरे के ऊपर परत बनाते हुए डालते हैं, और हाथ से दबाते जाते हैं। अब इस मिश्रण को एक से दो घण्टे के लिए अच्छी तरह ढक कर रख देते हैं जब एक दो घण्टे के बाद यह मिश्रण सख्त गुथे आटे के जैसा हो जाए तब इस मिश्रण को हाथों की सहायता से उलट पलट कर फिर से एक घंटे के लिए ढक कर रख देते हैं। एक घंटे के बाद यह मिश्रण नरम गूँथे आटे के जैसा हो जाता है। फिर इस मिश्रण को लगभग दस मिनट तक हाथ से थपकी देते हुए अच्छे से गूंथ लेते हैं। जिसे सामान्य भाषा साटा कहते हैं और आटे को गूँथने की प्रकिया को साटा पीटना कहते हैं।
एक कढ़ाई में घी डालकर मध्यम आंच पर गरम करते हैं। और हाथों को घी से चिकना कर गुथे हुए मिश्रण / साटे मे से एक बड़ी सुपारी के बराबर की लोई बना लेते हैं। अब इस लोई को दोनों हाथों की उंगलियों के बीच में हल्के से दबाते हुए एक इंच के व्यास वाले वृत्त का आकार देते हैं, और इसको गरम घी में डाल देते हैं। अनरसा घी मे डालते ही आंच को धीमा कर लेते हैं। जब अनरसा घी के ऊपर तैरने लगे, तब कलछी की सहायता से प्लेट में निकाल लेते हैं। इस प्रकार समस्त मिश्रण के अनरसे बना कर तैयार कर लेते हैं।
आवश्यक सामग्री:
◉ छोटे चावल: 500 ग्राम
◉ बूरा: 250 ग्राम
◉ घी: 750 ग्राम तलने के लिए
** ध्यान रहे चावलों को एकदम सुखाना नहीं है।
* अनरसे को एक तरफ ही सेका / तला जाता है। इसे पलट कर नहीं तलते हैं।
* अनरसे को तलने के लिए घी न ज्यादा गरम हो और न ज्यादा ठंडा।
* अनरसे बनाने के लिए आटा/साटा एकदम सही है, देखने के लिए आटे में से एक लोई के बराबर आटा लेकर हाथों के बीच में रख कर दबाते हैं। अगर उस दबाई गई लोई के किनारे चिकने हैं तो समझिए की साटा अनारसे बनाने के लिए एक दम तैयार है, अन्यथा साटे को और गूंथने के जरूरत है।