भक्तमाल | श्रीराम शर्मा
वास्तविक नाम - पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य
अन्य नाम - श्रीराम मत्त, गुरुदेव, वेदमूर्ति, युगऋषि, गुरुजी
गुरु - सर्वेश्वरानंद जी
आराध्य - देवी गायत्री, भगवान श्री राम
जन्म - 20 सितम्बर, 1911 (आश्विन कृष्ण त्रयोदशी विक्रमी संवत् 1967)
जन्म स्थान - आगरा, उत्तर प्रदेश
निधन - 2 जून 1990, हरिद्वार
वैवाहिक स्थिति - विवाहित
भाषा - हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत
पिता - रूपकिशोर शर्मा
माता - माता दानकुंवरी देवी
जीवनसाथी - भगवती देवी शर्मा
संस्थापक -
अखिल विश्व गायत्री परिवारश्रीराम शर्मा आचार्य एक समाज सुधारक, दार्शनिक और अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक थे।
पंडित मदन मोहन मालवीय ने उनका यज्ञोपवीत संस्कार कराया और उन्हें गायत्री मंत्र की दीक्षा दी। 15 से 24 वर्ष की आयु तक हर वर्ष 24 लाख बार गायत्री मंत्र का जाप किया। चार बार हिमालय गये। स्वतंत्रता संग्राम में भी भाग लिया। तीन बार जेल गए।
1971 में हरिद्वार में शांतिकुंज की स्थापना की। यहीं से गायत्री परिवार की शुरुआत हुई। वह मानव जीवन के लगभग सभी पहलुओं पर लगभग 3400 पुस्तकों के लेखक हैं।
उन्होंने 1927 से 1933 तक स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। इसके लिए वे जेल भी गए, उन्हें देवदास गांधी, मदन मोहन मालवीय और अहमद किदवई जैसे लोगों से मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। पंडित
श्रीराम शर्मा आचार्य का निधन 2 जून 1990 को हरिद्वार, भारत में हुआ।