भक्तमाल | पूज्य श्री राजन जी महाराज
असली नाम- राजन तिवारी
अन्य नाम - पूज्य श्री राजन जी महाराज
गुरु - परम पूज्य प्रेममूर्ति संत श्री प्रेमभूषण जी महाराज
आराध्य - भगवान राम
जन्म - 6 सितंबर, 1982
जन्म स्थान - कोलकाता, पश्चिम बंगाल
शिक्षा - स्नातक (रसायन विज्ञान में बीएससी), कोलकाता
पिता - श्री श्योजी तिवारी
वैवाहिक स्थिति - विवाहित
भाषा - अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली, संस्कृत
प्रसिद्ध - कथा वाचक, आध्यात्मिक संत
श्री राजन जी महाराज आज भारतीय अध्यात्म के एक प्रमुख प्रतिनिधि हैं। राजन जी ने अपना जीवन धर्म और अध्यात्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित कर दिया है। उनकी यात्रा एक साधारण युवक से एक प्रभावशाली आध्यात्मिक नेता तक की है जो लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा है।
उनकी रामकथा सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। वह विदेशों में भी कथा करने जाते हैं। राजनजी महाराज को ब्रिटिश संसद में भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा, उनके यूट्यूब चैनल को 11 लाख से अधिक लोगों ने सब्सक्राइब किया है, जो उनकी अपार लोकप्रियता को दर्शाता है। सीता-राम कथा के बीच, वह कई आध्यात्मिक और प्रेरक कहानियाँ सुनाते हैं जो उनके अनुयायियों को प्रेरित करती हैं।
राजन जी महाराज भजन
राजन जी महाराज भोजपुरी और मैथिली भाषा में भी सुंदर भजन और गीत गाते हैं। उनका गाया भजन 'सीता-राम, सीता-राम, सीता-राम' हर किसी की जुबान पर रहता है। उनका मानना है कि हर किसी को अध्यात्म, भजन और रामकथा सुननी चाहिए। उनके कुछ भजन जैसे 'बारस रही प्रभु की कृपा अपार', 'पकड़ लो बान्ह रघुराई' आदि लोगों को बहुत पसंद हैं। यहां राजन जी महाराज के कुछ सर्वश्रेष्ठ भजनों की सूची दी गई है:
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पकड़ लो बाँह रघुराई नहीं तो डूब जाएँगे
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जहाँ ले चलोगे वही मैं चलूँगा
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कहियो दर्शन दीन्हे हो, भीलनियों के राम