भक्तमाल: लोकनाथ स्वामी
असली नाम-रघुनाथ पाटिल
अन्य नाम - एचएच लोकनाथ स्वामी, लोकनाथ स्वामी महाराज
गुरु -
श्रील प्रभुपाद
आराध्य - भगवान कृष्ण
जन्मतिथि - 6 जुलाई 1949
जन्म स्थान - अरवाडे गांव, महाराष्ट्र
वैवाहिक स्थिति - अविवाहित
भाषा - अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, संस्कृत
प्रसिद्ध - इस्कॉन आध्यात्मिक नेता
लोकनाथ स्वामी, श्रील प्रभुपाद के सबसे समर्पित शिष्यों में से एक थे। परम पूज्य लोकनाथ स्वामी को वैदिक शास्त्रों का गहन ज्ञान है। श्रील प्रभुपाद के नक्शेकदम पर चलते हुए, लोकनाथ स्वामी ने अपने दिव्य और आध्यात्मिक ज्ञान का सार पुस्तकों के रूप में वितरित किया है। ये पुस्तकें दिलचस्प अनुभवों के साथ गहन ज्ञान से भरी हैं जो कई लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती रहेंगी।
लोकनाथ स्वामी, 1972 में श्रील प्रभुपाद के दीक्षित शिष्य बन गए। फिर उन्होंने दिसंबर 1975 में 26 वर्ष की आयु में उनकी दिव्य कृपा से संन्यास प्राप्त किया। लोकनाथ स्वामी की सदैव लोगों, अपने देश और मानवता की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने की महत्वाकांक्षा थी। लोकनाथ स्वामी महाराज ने बचपन से ही सादा जीवन और उच्च विचार के सिद्धांत का पालन किया।
लोकनाथ स्वामी, परम पावन दुनिया भर की यात्रा करते हैं, और अपने प्रेरक व्याख्यानों और कीर्तनों के लिए जाने जाते हैं। वर्तमान में, वह कई पुस्तक परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं, और आने वाले वर्षों में उन्हें प्रकाशित करने की योजना बना रहे हैं। वह आज इस्कॉन में दीक्षा देने वाले गुरुओं में से एक हैं, और उन्होंने दुनिया भर में शिष्यों को दीक्षा दी है।