वृन्दावन कैसी नगरिया रे वृन्दावन प्रेम नगरिया रे,
सब भगतो की सूद लेता है श्याम सांवरिया रे,
सूद लेता मेरा सवारिय रे वृन्दावन प्रेम नगरिया रे,
वृन्दावन कैसी नगरिया रे वृन्दावन प्रेम नगरिया रे ॥
वृन्दावन जो भी आता है अपना भाग्य जगाता है,
श्याम के दर्शन करके वो तो जीवन सफल बनता है,
होती उसपे नजरिया रे सूद लेता मेरा सांवरिया,
वृन्दावन कैसी नगरिया रे वृन्दावन प्रेम नगरिया रे ॥
उसका दिल दीवाना हो जाता ब्रिज गलियों में जो जाता है,
नाम की मस्ती चढ़ जाती है वो मस्ताना हो जाता है,
खुली मन की कावड़िया रे सूद लेता मेरा सांवरिया रे,
वृन्दावन कैसी नगरिया रे वृन्दावन प्रेम नगरिया रे ॥
BhaktiBharat Lyrics
दिल की बजी लगा बेठी है सुनीला दर पे आ बेठी है,
भूल के झूठी इस दुनिया को श्याम को मन में वासा बेठी है,
तेरे दर पे उमरिया रे सूद लेता मेरा सांवरिया रे,
सब भगतो की सूद लेता है श्याम सांवरिया रे,
वृन्दावन कैसी नगरिया रे वृन्दावन प्रेम नगरिया रे ॥