विनती सुन लेना मेरी,
जोऊं बाटड़ली तेरी,
कब आओगे हनुमान,
धरूँ मैं तुम्हारा ध्यान ॥
जबसे सुनी है तेरे,
आने की बातें,
दिन ना कटे है मेरा,
ना कटती रातें,
किसको सुनाऊँ अपनी,
दुःख भरी बातें,
बिन बोले सब कुछ जाने,
मन की हालत पहचाने,
तुम ही रखोगे मेरी आन,
धरूँ मैं तुम्हारा ध्यान ॥
अष्ट प्रहर तेरी,
पंथ निहारूं,
करता गुणगान तेरा,
तुझको पुकारूँ,
तेरे चरणों में बाला,
सब कुछ उबारुं,
मैं भी चरणों का चेरा,
बालाजी दास तेरा,
भक्तो का राखो तुम मान,
धरूँ मैं तुम्हारा ध्यान ॥
दर्शन को मनवा तरसे,
नैनो से नीर बरसे,
जाने कब दर्शन करके,
सूखा मन आँगन हरषे,
अब तो आ जाओ बाला,
काहे दुविधा में डाला,
कर दो कृपा भगवान,
धरूँ मैं तुम्हारा ध्यान ॥
विनती सुन लेना मेरी,
जोऊं बाटड़ली तेरी,
कब आओगे हनुमान,
धरूँ मैं तुम्हारा ध्यान ॥
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