उठो सोने वालों सबेरा हुआ है - भजन (Utho Sone Walo Sabera Hua Hai)


उठो सोने वालों सबेरा हुआ है ।
वतन के फकीरों का फेरा हुआ है ॥
उठो अब निराशा निशा खो रही है
सुनहली-सी पूरब दिशा हो रही है
उषा की किरण जगमगी हो रही है
विहंगों की ध्वनि नींद तम धो रही है
तुम्हें किसलिए मोह घेरा हुआ है
उठो सोने वालों सबेरा हुआ है ॥

उठो बूढ़ों बच्चों वतन दान माँगो
जवानों नई ज़िंदगी ज्ञान माँगो
पड़े किसलिए देश उत्थान माँगो
शहीदों से भारत का अभिमान माँगो
घरों में दिलों में उजाला हुआ है ।
उठो सोने वालों सबेरा हुआ है ॥

उठो देवियों वक्त खोने न दो तुम
जगे तो उन्हें फिर से सोने न दो तुम
कोई फूट के बीज बोने न दो तुम
कहीं देश अपमान होने न दो तुम
घडी शुभ महूरत का फेरा हुआ है ।
उठो सोने वालों सबेरा हुआ है ॥

हवा क्रांति की आ रही ले उजाली
बदल जाने वाली है शासन प्रणाली
जगो देख लो मस्त फूलों की डाली
सितारे भगे आ रहा अंशुमाली
दरख़्तों पे चिड़ियों का फेरा हुआ है ।
उठो सोने वालों सबेरा हुआ है ॥

- वंशीधर शुक्ल
Utho Sone Walo Sabera Hua Hai - Read in English
Utho Sone Walo Sabera Hua Hai । Watan Ke Phakiron Ka Phera Hua Hai ॥ Utho Ab Nirasha Nisha Kho Rahi Hai
Bhajan Arya Samaj BhajanYoga Day BhajanYoga BhajanYog Diwas BhajanInternational Yoga Day BhajanBaba Ramdev Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को - भजन

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया, ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है...

भजन: भरोसा कर तू ईश्वर पर

भरोसा कर तू ईश्वर पर, तुझे धोखा नहीं होगा । यह जीवन बीत जायेगा, तुझे रोना नहीं होगा ॥ कभी सुख है कभी दुख है...

ज्योत से ज्योत जगाते चलो - भजन

ज्योत से ज्योत जगाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो, राह में आये जो दीन दुखी, सब को गले से लगते चलो...

तू प्यार का सागर है: भजन

तू प्यार का सागर है, तेरी एक बूँद के प्यासे हम। लौटा जो दिया तूने, चले जायेंगे जहां से हम..

​तोरा मन दर्पण कहलाए - भजन

​तोरा मन दर्पण कहलाए, भले, बुरे, सारे कर्मों को, देखे और दिखाए ...