हम हार मान ने वाले इंसान नहीं है,
जो पीठ दिखा कर भागे वो बेजान नहीं है,
सुर वीरो की भूमि हम जिस धरा पे रहते है,
उस देश को दुनिया में हिन्दुस्तान कहते है ॥
तेरी मिटटी में मिल जावा फूल बन के मैं खिल जावा,
बस इतनी है मेरी आरजू ॥
बड़े बड़े संकट आये पर हम कभी न गबराये,
मजबूती के साथ लड़े सदा विजय होकर आये,
जाहा हसी ख़ुशी से मिल दुःख तकलीफे सेह्ते है,
उस देश को दुनिया में हिन्दुस्तान कहते है ॥
याहा त्याग तपस्या भाव सभी में कुर्बानी है कदम कदम,
ना इक जन्म की बात करे प्यारे निभाते जन्म जन्म,
याहा बहुत बड़ा दिल रखते प्यार के दरिया बेह्ते है,
उस देश को दुनिया में हिन्दुस्तान कहते है ॥
BhaktiBharat Lyrics
कवि सिंह की बोली नहीं ये देश प्रेम की गोली,
मारु और मर जाऊ देश पे न समजो सूरत भोली है,
देते साथ हम बिना बात न किसी से फेहते है,
उस देश को दुनिया में हिन्दुस्तान कहते है ॥