उलझ मत दिल बहारो में - भजन (Ulajh Mat Dil Baharo Men)


उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,
उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,
सहारे छूट जाते हैं,
सहरों का बरोसा क्या
तू संबल नाम का लेकर,
किनारों से किनारा कर
किनारे टूट जाते हैं,
किनारो का भरोसा क्या

उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,
सहारे छूट जाते हैं,
सहरों का बरोसा क्या

पथिक तू अक्लमंदी पर,
बिचारो पर ना इतराना
कहाँ कब मन बिगड़ जाये,
बिचारो का भरोसा क्या

उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,
सहारे छूट जाते हैं,
सहरों का बरोसा क्या
BhaktiBharat Lyrics

उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,
सहारे छूट जाते हैं,
सहरों का बरोसा क्या
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Ulajh Mat Dil Baharo Men - Read in English
Ulajh Mat Dil Baharo Mein, Baharo Ka Bharosa Kya, Sahare Chhoot Jate Hain, Saharon Ka Barosa Kya, Too Sambal Naam Ka Lekar..
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