तेरी जय हो जय हो,
जय गोरी लाल ॥
दोहा – हे जग दाता विश्व विधाता,
हे गणपति जी महाराज,
हे शिव सूत गौरी के लाला,
मेरे पूरण करियो काज ॥
तेरी जय हो जय हो,
जय गोरी लाल,
पूजू तेरा नाम,
करो सबको निहाल,
तेरी जय हों जय हों,
जय गोरी लाल ॥
पान फूल चढ़े चढ़ता है मेवा,
सारा जगत तेरी करता है सेवा,
भोग लगाऊं,
लेकर लड्डुओं का थाल,
तेरी जय हों जय हों,
जय गोरी लाल ॥
गणपत मेरे काज सवारो,
भरी सभा में आन पधारो,
भक्तों को कर देता तू मालामाल,
तेरी जय हों जय हों,
जय गोरी लाल ॥
‘राजू’ भी हरिपुरिया आए,
‘शुभम तिलकधारी’ गुण गाये,
सारे ही देता है संकट तू टाल,
तेरी जय हों जय हों,
जय गोरी लाल ॥
तेरी जय हों जय हों,
जय गोरी लाल,
पूजू तेरा नाम,
करो सबको निहाल,
तेरी जय हों जय हों,
जय गोरी लाल ॥
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