तेरे द्वार खड़ा भगवान,
भक्त भर दे रे झोली ।
तेरा होगा बड़ा एहसान,
के युग युग तेरी रहेगी शान ॥
डोल उठी है सारी धरती देख रे,
डोला गगन है सारा ।
भीख मांगने आया तेरे घर,
जगत का पालनहारा ।
मैं आज तेरा मेहमान,
कर के रे मुझ से जरा पहचान ॥
भक्त भर दे रे झोली ।
॥ तेरे द्वार खड़ा भगवान...॥
आज लुटा दे रे सर्वस अपना,
मान ले रे कहना मेरा ।
मिट जायेगा पल में तेरा,
जनम जनम का फेरा रे ।
तू छोड़ सकल अभिमान,
अमर कर ले रे तू अपना दान ॥
भक्त भर दे रे झोली ।
॥ तेरे द्वार खड़ा भगवान...॥
तेरे द्वार खड़ा भगवान,
भक्त भर दे रे झोली।
तेरा होगा बड़ा एहसान,
के युग युग तेरी रहेगी शान ॥
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