तेरे दरश को आए भोले,
तेरी शरणों में,
कर उपकार सदा हम रहते,
तेरे चरणों में,
भोले तू ही मै तू माया है,
नीलकंठ विषकाया है,
हे गिरिजापति शंभू महादेवा,
भोलेनाथ जी सृष्टि के रखवारे,
भोलेनाथ जी सबके पालनहारे,
हे कैलाशी अविनाशी डमरूवाले,
भोलेनाथ तेरे भक्त बड़े मतवाले,
हर हर शंभू, हर हर शंभू,
हर हर शंभू, हर हर शंभू ॥
हे भक्तों के दुखहर्ता,
गौरावर शिव भंडारी,
तू जग पालनहार प्रभु,
तूने ही दुनिया तारी,
तुम दीनबंधु कहलाते,
तेरे भक्त सदा मिल गाते,
हर हर शंभू, हर हर शंभू,
हर हर शंभू, हर हर शंभू ॥
तेरे मस्तक से निकली है,
ये गंगा की धारा,
सारे जग को रोशन करता,
चंदा का उजियारा,
मन मस्त मगन हो गाए,
शिव तेरा ध्यान लगाए,
हर हर शंभू, हर हर शंभू,
हर हर शंभू, हर हर शंभू ॥
हे बाघंबर जटाधारी शिव,
तुम जग के आधार,
विषधारी त्रिलोकी शंभू,
तू ही सबका सार,
देवों के हो महादेव तुम,
अंग भभूत रमाए,
अगड़ बम कहलाए शंकर,
सब जन तुमको ध्याये ॥
तेरे दरश को आए भोले,
तेरी शरणों में,
कर उपकार सदा हम रहते,
तेरे चरणों में,
भोले तू ही मै तू माया है,
नीलकंठ विषकाया है,
हे गिरिजापति शंभू महादेवा,
भोलेनाथ जी सृष्टि के रखवारे,
भोलेनाथ जी सबके पालनहारे,
हे कैलाशी अविनाशी डमरूवाले,
भोलेनाथ तेरे भक्त बड़े मतवाले,
हर हर शंभू, हर हर शंभू,
हर हर शंभू, हर हर शंभू ॥