तेरे चरण कमल में श्याम,
लिपट जाऊ राज बनके ।
लिपट जाऊ राज बनके,
लिपट जाऊ राज बनके ।
तेरे चरण कमल में श्याम,
लिपट जाऊ राज बनके ॥
नित नित तेरा दर्शन पाऊ,
हर्ष हर्ष के हरी गुण गाऊ ,
मेरी नस नस बस जाऊ श्याम ,
बरस जाओ रस बनके,
तेरे चरण कमल में श्याम,
लिपट जाऊ राज बनके ।
लिपट जाऊ राज बनके,
लिपट जाऊ राज बनके ।
तेरे चरण कमल में श्याम,
लिपट जाऊ राज बनके ॥
छिन छिन* तेरा सुमरण हॉवे,
हर पल तुज्पे अरपन हॉवे,
हरी सब दिन आठो याम,
रुके मन के मनके,
तेरे चरण कमल में श्याम,
लिपट जाऊ राज बनके ।
लिपट जाऊ राज बनके,
लिपट जाऊ राज बनके ।
तेरे चरण कमल में श्याम,
लिपट जाऊ राज बनके ॥
*छिन = छण
आरती कुंजबिहारी की |
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन |
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं |
आरती श्री बाल कृष्ण जी की |
ॐ जय जगदीश हरे |
मधुराष्टकम्: धरं मधुरं वदनं मधुरं |
कृष्ण भजन |
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं |
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