शिव शंकर तुम कैलाशपति: भजन (Shiv Shankar Tum Kailashpati)


शिव शंकर तुम कैलाशपति,
है शीश पे गंग विराज रही,
शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥
माथे पर चंद्र का मुकुट सजा,
और गल सर्पो की माला है,
माँ पारवती भगवती गौरा,
तेरे वाम अंग में साज रही,
शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥

शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥

ब्रम्हा को वेद दिए तुमने,
रावण को लंका दे डाली,
औघड़दानी शिव भोले की,
श्रष्टि जयकार बुलाय रही,
शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥

शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥

सोना चांदी हिरे मोती,
तुमको कुछ भी ना सुहाता है,
शिव लिंग पे जा सारी दुनिया,
एक लोटा जल तो चढ़ाय रही,
शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥

शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥

जीवन की एक तमन्ना है,
जीवन में एक ही आशा है,
तेरे चरणों में बीते जीवन,
यही आशा मन में समाय रही,
शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥

शिव शंकर तुम कैलाशपति,
है शीश पे गंग विराज रही,
शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥
Shiv Shankar Tum Kailashpati - Read in English
Shiv Shankar Tum Kailashpati, Hai Shish Pe Gang Viraj Rahi, Shiv Shankar Tum Kailashpati, Hai Shish Pe Gang Viraj Rahi ॥
Bhajan Shiv BhajanBholenath BhajanMahadev BhajanShivaratri BhajanSavan BhajanMonday BhajanSomvar BhajanSolah Somvar BhajanJyotirling BhajanShiv Vivah Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

हे जगवंदन गौरी नन्दन, नाथ गजानन आ जाओ: भजन

हे जगवंदन गौरी नन्दन, नाथ गजानन आ जाओ, शिव शंकर के राज दुलारे, आके दर्श दिखा जाओ, हे जगवँदन गौरी नंदन, नाथ गजानन आ जाओ ॥

गौरी नंदन तेरा वंदन, करता है संसार: भजन

गौरी नंदन तेरा वंदन, करता है संसार, तुझे सब प्रथम मनाते, प्रेम से तुझे बुलाते, गौरी नन्दन तेरा वंदन, करता है संसार ॥

गणपति पधारो ताता थैया करते: भजन

गणपति पधारो ताता थैया करते, ताता थैया करते, ठुमक ठुमक पग धरते, गणपति पधारो ताता थैया करते, आप के पधारने से बिगड़े काम संवरते, गणपति पधारो ताता थैया करते ॥

गोरी सुत गणराज पधारो: भजन

गोरी सुत गणराज पधारो, आके सारे काज सवारों, तुझको आना होगा, तुझको आना होगा ॥

बैठी पहाड़ों में माँ शारदा तेरी महिमा का क्या कहना

बैठी पहाड़ों में माँ शारदा, तेरी महिमा का क्या कहना, है भुवन हजारों में