शेरावाली की नज़र जिसपे पड़ने लगी: भजन (Sherawali Ki Nazar Jispe Padne Lagi)


शेरावाली की नज़र जिसपे पड़ने लगी,
जिसपे पड़ने लगी,
देखो तक़दीर उसकी संवरने लगी,
संवरने लगी ॥
माँ के पावन नवराते आ गए,
घर घर में जगराते होने लगे,
जिस घर अंगना माँ की पावन,
ज्योति जगी, हाँ ये ज्योति जगी,
देखो तक़दीर उसकी संवरने लगी,
संवरने लगी ॥

आजा बनके सवाली माँ के द्वार पे,
तेरा जीवन संवर जाए माँ के नाम से,
जो भी दर आया गया नहीं,
खाली कभी, खाली कभी,
देखो तक़दीर उसकी संवरने लगी,
संवरने लगी ॥

ज्वाला माँ तेरे सब दुःख हरेगी,
चिंतपूर्णी माँ तेरी सारी चिंता हरे,
सच्चे मन से कर ले जो,
मैया की भक्ति, माँ की भक्ति,
देखो तक़दीर उसकी संवरने लगी,
संवरने लगी ॥

अष्टमी का देखो वो दिन आ गया,
कंजको का बुलावा लगने लगा,
हलवा पूरी का भोग लगाओ,
करो आरती, करो आरती,
देखो तक़दीर उसकी संवरने लगी,
संवरने लगी ॥

शेरावाली की नज़र जिसपे पड़ने लगी,
जिसपे पड़ने लगी,
देखो तक़दीर उसकी संवरने लगी,
संवरने लगी ॥

दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन
Sherawali Ki Nazar Jispe Padne Lagi - Read in English
Sherawali Ki Nazar Jispe Padne Lagi, Jispe Padne Lagi, Dekho Taqdir Uski Sanvarne Lagi, Sanvarne Lagi ॥
Bhajan Navratri BhajanMaa Sherawali BhajanDurga Puja BhajanJagran BhajanMata Ki Chauki BhajanGupt Navratri BhajanMaa Durga BhajanMata BhajanAshtami BhajanMahalaya BhajanAmbe BhajanMaa Jagdambe Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊँ गली गली - भजन

राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊँ गली गली। कृष्ण नाम के हीरे मोती...

श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी - भजन

श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा॥

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं - भजन

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी बल्लभम । कौन कहता हे भगवान आते नहीं..

छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल - भजन

छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल। छोटो सो मेरो मदन गोपाल..

एक बार जो रघुबर की, नजरो का: भजन

एक बार जो रघुबर की, नजरो का इशारा हो जाये, तेरी लगन में खो जाऊँ मैं, दुनिया से किनारा हो जाये ॥