शंकर शिव शम्भु साधु सन्तन सुखकारी - भजन (Shankar Shiv Shambhu Sadhu Santan Sukhkari)


राम नाम मधुबन का,
भ्रमर बना, मन शिव का।

निश दिन सिमरन करता,
नाम पुण्यकारी॥
शंकर शिव शम्भु,
साधु सन्तन सुखकारी ॥
निश दिन सिमरन करते,
नाम पुण्यकारी ॥

लोचन त्रय अति विशाल,
सोहे नव चन्द्र भाल,
रुण्ड मुण्ड व्याल माल,
जटा गंग धारी ।
शंकर शिव शम्भु,
साधु सन्तन सुखकारी ॥

शंकर शिव शम्भु,
साधु सन्तन सुखकारी ॥
सतत जपत राम नाम,
अतिशय शुभकारी ॥

पारवती पति सुजान,
प्रमथ राज वृषभ यान,
सुर नर मुनि सैव्यमान,
त्रिविध ताप हारी ।
शंकर शिव शम्भु,
साधु सन्तन सुखकारी ॥

औघड़ दानी महान,
कालकूट कियो पान,
आरत-हर तुम समान,
को है त्रिपुरारी।
शंकर शिव शम्भु,
साधु सन्तन सुखकारी ॥

शिव चालीसा | लिङ्गाष्टकम् | शिव आरती | शिव भजन | शिव पंचाक्षर स्तोत्र | द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
Shankar Shiv Shambhu Sadhu Santan Sukhkari - Read in English
Shankar Shiv Shambhu, Sadhu Santan Sukhkari , Nish Din Simaran Karte, Naam Punyakari ॥
Bhajan Shiv BhajanBholenath BhajanMahadev BhajanShivaratri BhajanSavan BhajanMonday BhajanSomvar BhajanSolah Somvar BhajanKanwar Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

मैं नहीं, मेरा नहीं, यह तन - भजन

मैं नहीं, मेरा नहीं, यह तन किसी का है दिया। जो भी अपने पास है..

तेरे दर की भीख से है, मेरा आज तक गुज़ारा: भजन

तेरे दर की भीख से है, मेरा आज तक गुज़ारा, जीवन का है आधारा, जीने का है सहारा, तेरे दर की भिख से है, मेरा आज तक गुज़ारा ॥

प्रभु जो तुम्हे हम, बताकर के रोये: भजन

प्रभु जो तुम्हे हम, बताकर के रोये, बताकर के रोये, उसे दिल में कब से, दबा कर के रोये, प्रभु जो तुम्हें हम, बताकर के रोये ॥

मंदिर में आओ मोहन दर्शन को भीड़ है: भजन

मंदिर में आओ मोहन, दर्शन को भीड़ है, सेवकिया बुलावे प्यारा, थारी ही उडीक है, मंदिर में आओं मोहन ॥

राधे राधे कहिए लगदे नहीं रुपये - भजन

राधे राधे कहिए लगदे नहीं रुपये । रब ने सानू अंखिया दीतियाँ अंखिया दीतियाँ अंखिया दीतियाँ..