सबसे ऊंची प्रेम सगाई - भजन (Bhajan: Sabse Unchi Prem Sagai)


सबसे ऊंची प्रेम सगाई,
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।दुर्योधन के मेवा त्याग्यो,
साग विदुर घर खाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।

जूठे फल शबरी के खाये,
बहु विधि स्वाद बताई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।

राजसूय यज्ञ युधिष्ठिर कीन्हा,
तामे जूठ उठाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।

प्रेम के बस पारथ रथ हांक्यो,
भूल गये ठकुराई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।

ऐसी प्रीत बढ़ी वृन्दावन,
गोपियन नाच नचाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।

प्रेम के बस नृप सेवा कीन्हीं,
आप बने हरि नाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।

सूर क्रूर एहि लायक नाहीं,
केहि लगो करहुं बड़ाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
Bhajan: Sabse Unchi Prem Sagai - Read in English
Sabase Unchi Prem Sagai । Duryodhan Ke Mewa Tyagyo, Saag Vidur Ghar Khai..
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