राहों में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
जब राम मेरे घर आएंगे,
सियाराम मेरे घर आएंगे,
राहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥
मैं चुन चुन कलियाँ लाऊंगी,
हाथों से हार बनाऊँगी,
मैं उनको हार पहनाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
राहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥
मैं चन्दन चौकी बिछाऊँगी,
फूलों से उसे सजाऊंगी,
मैं प्रेम से उन्हें बिठाउंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
राहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥
मैं छप्पन भोग बनाउंगी,
हाथों से उन्हें खिलाऊंगी,
मैं प्रेम से उन्हें खिलाऊंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
राहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥
मैं रो रो उन्हें मनाऊंगी,
गा गा कर उन्हें सुनाऊँगी,
मैं अपना हाल बताउंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
राहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥
मैं फूलों की सेज बिछाऊँगी,
झालर का तकिया लगाउंगी,
मैं उनके चरण दबाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
राहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥
राहों में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
जब राम मेरे घर आएंगे,
सियाराम मेरे घर आएंगे,
राहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक:
यहाँ साझा करें।